अहमदाबाद. गुजरात के कच्छ जिले के कंढेराई गांव में 540 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 22 साल की लड़की की मौत हो गई है. उसे बेहोशी की हालत में निकाला गया था. 31 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद लड़की को अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
सोमवार सुबह 9 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ था. युवती को सोमवार रात को जब ऊपर लाया जा रहा था, तब 70 फीट पर आकर उसके हाथ से रेस्क्यू इक्विपमेंट छिटककर गिर गया था. जिसके बाद युवती फिर बोरवेल में नीचे चली गई थी. बचाव दल में एनडीआरएफ, बीएसएफ, सेना, अग्निशमन विभाग और स्थानीय प्रशासन की टीमें शामिल रहीं. एनडीआरएफ के मुताबिक युवती को बचाया नहीं जा सका.
युवती सोमवार को बोरवेल में गिर गई थी. जिसको निकालने के लिए बचाव दल को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. युवती गिरते ही 490 फीट की गहराई पर अटक गई थी. अधिकारियों के अनुसार रेस्क्यू ऑपरेशन रातभर चला. जिसके बाद युवती को लगभग शाम चार बजे बाहर निकाला गया था. रेस्क्यू के दौरान अधिकारियों को हलचल दिख रही थी. लगातार युवती को ऑक्सीजन दिया जा रहा था. बाद में अधिकारियों को कोई हलचल नहीं दिखी.
सूत्रों के मुताबिक बोरवेल का व्यास एक फुट था, जिसमें लड़की बुरी तरह फंसी हुई थी. इसी कारण बचाव में दिक्कतें आईं. ये लड़की मजदूर परिवार की बताई जा रही है. जो मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है. इससे पहले राजस्थान में भी ऐसा ही मामला सामने आया था. जब एक 3 साल की लड़की को बचाने के लिए 10 दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला था.
राजस्थान में गई थी चेतना की जान
कोटपुतली-बहरोड़ जिले में 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरी चेतना को 1 जनवरी को बाहर निकाला गया था. बच्ची बेहोशी की हालत में थी, जिसे अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था. बच्ची 23 दिसंबर को बोरवेल में गिरी थी. वह सरुंड थाना क्षेत्र के बडियाली ढाणी में अपने पिता के कृषि फार्म में खेलते समय हादसे का शिकार हुई थी. पिछले साल दिसंबर में एमपी के गुना में भी ऐसा हादसा हुआ था. यहां दस साल का लड़का बोरवेल में गिर गया था. राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र के पिपलिया गांव में सुमित मीना को बेहोशी की हालत में निकाला गया था. लेकिन उसकी जान भी नहीं बच सकी थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-