BJP की पंजाब में हालत नाजुक, सदस्यता अभियान फुस्स, अभी नहीं होंगे संगठन के चुनाव

BJP की पंजाब में हालत नाजुक, सदस्यता अभियान फुस्स, अभी नहीं होंगे संगठन के चुनाव

प्रेषित समय :13:32:00 PM / Wed, Jan 8th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

चंडीगढ़. केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ सहित 29 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में पार्टी के संगठनात्मक चुनाव कार्यक्रम से पंजाब को बाहर कर दिया है. सूत्रों के अनुसार भाजपा ने पंजाब में 30 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन अब तक केवल 6.6 लाख प्राथमिक सदस्यता फॉर्म ही भरे गए है, जोकि लक्ष्य का 22 प्रतिशत है.

पार्टी ने पंजाब में राज्य अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त नहीं किया है, जिसका अर्थ है कि वर्तमान में सुनील जाखड़ ही प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे. पंजाब के अलावा, महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली और मणिपुर में बीजेपी ने रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त नहीं किए हैं.

दो सितंबर 2024 से बीजेपी का नया सदस्यता अभियान शुरू होने से पहले (बीजेपी हर पांच साल में एक बार नई पार्टी सदस्यता अभियान आयोजित करती है) पार्टी के पंजाब में लगभग 18 लाख सदस्य थे. भाजपा के शीर्ष सूत्रों ने स्वीकार किया कि पंजाब में पार्टी का वर्तमान सदस्यता अभियान धीमी गति से चल रहा है और इसी कारण राज्य में आंतरिक चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. कुछ पार्टी नेताओं का मानना है कि विधानसभा उपचुनाव और पंजाब में नगर निगम चुनावों के कारण देरी हो रही है.

दरअसल, पंजाब में लंबे समय तक चले किसान आंदोलन और अन्य कई कारण से भाजपा नए सदस्यों की भर्ती में कई चुनौतियों का सामना कर रही है. भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव में पंजाब से कोई सीट नहीं जीती, लेकिन 18.5त्न वोट शेयर हासिल किया. ये लाभ नवंबर विधानसभा उपचुनाव में कम हो गए, जब भाजपा के उम्मीदवारों ने वे सभी चार सीटें भी खो दीं, जिन पर उन्होंने चुनाव लड़ा था और तीन में जमानत भी जब्त हो गई.

पंजाब में भाजपा का संगठनात्मक आधार पारंपरिक रूप से कम रहा है. 1997 से भाजपा ने सभी चुनाव शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन करके लड़े. अकाली दल ने 2020 में विवादास्पद कृषि कानूनों के कारण बीजेपी-नेतृत्व वाली एनडीए से खुद को बाहर कर लिया. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने SAD के साथ गठबंधन में दो सीटें जीती थीं.

बीजेपी के संविधान के अनुसार, राज्य अध्यक्ष का चुनाव तभी हो सकता है जब संबंधित राज्य ने अपनी प्राथमिक सदस्यता के लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया हो और सक्रिय सदस्यता अभियान को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया हो. कोई भी व्यक्ति बीजेपी की प्राथमिक सदस्य बन सकता है, इसके लिए पार्टी की वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म भरना आवश्यक है. एक बार प्राथमिक सदस्य पंजीकृत हो जाने के बाद, एक सक्रिय सदस्यता अभियान शुरू होता है. एक सक्रिय बीजेपी सदस्य वह होता है, जिसने पार्टी में तीन वर्षों तक काम किया हो, 50 प्राथमिक सदस्यों को पंजीकृत किया हो और सदस्यता शुल्क के रूप में 100 रुपये का भुगतान किया हो.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-