CM योगी बोले, हिन्दूओं के धार्मिक स्थलों पर मस्जिदों का निर्माण एक घाव जैसा है, सर्जरी जरुरी है नहीं तो कैंसर में बदल सकती है

CM योगी बोले, हिन्दूओं के धार्मिक स्थलों पर मस्जिदों का निर्माण एक घाव जैसा है

प्रेषित समय :18:39:03 PM / Thu, Jan 9th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

लखनऊ. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभल में शाही जामा मस्जिद  को लेकर उपजे विवाद पर अपनी टिप्पणी की है. उन्होंने अदालत के आदेश वाले सर्वेक्षण का जोरदार बचाव किया ताकि दावों का पता लगाया जा सके कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर के ऊपर बनाई गई थी. उन्होंने मस्जिद निर्माण के लिए हिंदू धार्मिक स्थलों पर कब्जे को एक घाव बताया और दावा किया कि इसकी सर्जरी की आवश्यकता है नहीं तो यह कैंसर में बदल सकती है.

नवंबर में 16वीं सदी की मस्जिद के सर्वेक्षण के कारण संभल में हिंसक झड़पें हुईं जिसमें 5 लोग मारे गए. वहीं 20 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे. योगी ने कहा कि मैं किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हूं और उस जगह का सम्मान करता हूं जहां लंबे समय से प्रार्थनाएं होती रही हैं. लेकिन अगर किसी समुदाय का प्रार्थना स्थल टूट जाता है तो इसकी कड़ी आलोचना की जानी चाहिए. देखिए कैसे संभल का इस्लामीकरण कर दिया गया है.

हमारे धर्म के सभी चिन्हों को नष्ट कर दिया गया है, ढक दिया गया है और ठोस बना दिया गया है. 2017 से पहले वहां लगातार दंगे हुए.  योगी ने यह बात स्पष्ट तौर पर कही है कि सर्जरी एक बार होगी और उस सर्जरी के लिए हमें तैयार रहना होगा. सनातन धर्म के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला है. सीएम श्री योगी ने प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों का हवाला देते हुए इसे दुनिया का सबसे पुराना विश्वास होने का दावा किया.

उन्होंने बताया कि हजारों साल पहले लिखे गए हिंदू साहित्य में विष्णु के दसवें अवतार कल्कि के भविष्य के अवतार का उल्लेख किया गया है. उन्होंने कहा कि भारत का ऋ षि सदैव ज्ञान की उस धारा का प्रतिनिधित्व करता रहा है, जिसने समय-समय पर देश को नेतृत्व दिया, नई दिशा दी और आगे बढऩे के लिए एक नई प्रेरणा प्रदान की.  मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन तो हमेशा शिखर पर ही रहा है. इसलिए सनातन है. हिंदू एकता और राष्ट्रीय एकता एक.दूसरे के पूरक हैं.

उन्होंने कहा कि यह वक्फ बोर्ड है या भू.माफियाओं का बोर्ड है. एक-एक इंच लैंड वापस लेंगे. उन्होंने कहा कि जिन्होंने श्री अयोध्या धाम के वासियों के साथ सौतेला व्यवहार किया है. उनको नैतिक रूप से वहां जाने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि मूल संविधान में कहीं भी सेक्युलर व सोशलिस्ट शब्द नहीं हैं. संविधान का गला घोटकर जो शब्द डाले गए हों, वे भारत के संविधान की आत्मा कैसे हो सकते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-