नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ निखिल कामथ ने अपने पॉडकास्ट में तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल पूछे, उनसे उनकी बचपन से लेकर राजनीतिक यात्रा तक पर बातचीत की. पॉलिटिक्स, पैसा और भ्रष्टाचार के अलावा राजनीति में अच्छे लोग कैसे आएं, राजनीति में आने का नजरिया कैसे बदले? इस सवाल का जवाब पीएम नरेंद्र मोदी ने कई उदाहरण पेश कर दिए.
मुझे राजनीतिक भाषण देना अच्छा नहीं लगता
पीएम मोदी ने राजनीति को सामाजिक जीवन से जोड़ते हुए कहा कि राजनीति करने के मतलब केवल एमपी, एमएलए या कोई पद पाना नहीं. आप समाज से जुड़े हुए काम कर रहे तो भी राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं अपने केस में अनुभव करता हूं कि मैं सो कॉल्ड पॉलिटिशियन नहीं हूं. राजनीति में हूं लेकिन वैसा नहीं हूं. चुनाव के समय ही मुझे राजनीतिक भाषण करने पड़ते हैं, मेरी मजबूरी है. लेकिन मुझे अच्छा नहीं लगता है. मेरा पूरा समय चुनाव के सिवाय गवर्नेंस में होता है. जब सत्ता में नहीं था तो पूरा समय संगठन में लगा रहता था. मैं अपने कार्यकर्ताओं का जीवन बेहतर करने के लिए खपा रहता था. प्रेस नोट से लेकर सोशल मोबिलाइजेशन सहित अन्य कार्यों पर कार्यकर्ताओं के साथ फोकस करता था.
पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं गुजरात में था तो नया-नया मुख्यमंत्री बना था. मेरे सामने भूकंप आया था. भूकंप वाले क्षेत्र में गया. आकर मीटिंग की. भूकंप को आए 9 महीने बीत चुके थे. मैंने काम के बारे में पूछा तो अफसरों ने मार्च महीने के बाद का हवाला दिया. उन्होंने बताया कि मार्च महीने से पहले बाहर निकाला. अफसरों को दिसंबर तक का टारगेट दिया. पीएम मोदी ने भूकंप के बाद पुनर्वास आदि कार्यों के लिए सरकारी नियमों को कैसे सामान्य जन के लिए बनवाया, इस बारे में भी पॉडकास्ट में विस्तार से बताया.
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