सैन फ्रांसिस्को. फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा ने अपने करीब 3600 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला कर लिया है. कंपनी ने अपने इंटरनल मेमो में इस बात का जिक्र किया है. इन सभी कर्मचारियों को उनकी खराब वर्क परफॉर्मेंस के कारण बाहर किया जाएगा. हालांकि इनकी जगह पर नये लोगों की हायरिंग की जाएगी. मार्क जकरबर्ग के इस फैसले से कंपनी के महज 5 फीसदी कर्मचारी ही प्रभावित होंगे.
सितंबर के आंकड़ों के मुताबिक, मेटा में करीब 72,400 कर्मचारी काम करते हैं. मार्क जकरबर्ग ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि बेहतर टैलेंट मिलेगा और नए लोग कंपनी से जुड़ सकेंगे. अमेरिकी कंपनियों में परफॉर्मेंस के आधार पर छंटनी एक सामान्य प्रक्रिया है. पिछले हफ्ते माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपने वर्कफोर्स से 1 फीसदी लोगों की छंटनी की थी. ये सभी लोग खराब परफॉर्मेंस वाली लिस्ट में शामिल थे.
मेटा में ले-ऑफ की बात डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से कुछ दिन पहले ही सामने आई है. पिछले कुछ समय से मार्क जकरबर्ग की रिपब्लिकन नेताओं से नजदीकी बढ़ रही है. ट्रंप के साथ डिनर मीटिंग और मेटा के पब्लिक अफेयर्स हेड के तौर पर रिपब्लिकन को शामिल करना इसी नजदीकी के कारण है.
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