वाशिंगटन. डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण के बाद दिए गए भाषण में पनामा नहर को लेकर उनके बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. ट्रंप ने कहा कि देश में सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मिलेगी और अमेरिका पनामा नहर पर अपना नियंत्रण वापस लेगा. अपने भाषण में ट्रंप ने यह भी दावा किया कि चीन पनामा नहर का संचालन कर रहा है और इसे वापस लेना जरूरी है. उन्होंने इसे अमेरिका के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार बताया और कहा कि पनामा ने अपने वादे तोड़े हैं.
इसके जवाब में, पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि पनामा नहर पनामा के नियंत्रण में है और वही इसे संचालित करेगा. उन्होंने कहा, ''किसी भी देश को पनामा के मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. पनामा नहर का नियंत्रण और संचालन पनामा के पास है. यह हमारी संप्रभुता का हिस्सा है और इसकी स्थायी तटस्थता का सम्मान किया जाएगा. किसी भी देश को हमारी प्रशासनिक प्रणाली में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.''
राष्ट्रपति मुलिनो ने यह भी कहा कि पनामा नहर किसी को दी गई कोई रियायत नहीं है. यह कई पीढ़ियों के संघर्ष का परिणाम है, जो 1999 में टॉरिजोस-कार्टर समझौते के तहत पनामा को हस्तांतरित हुई. तब से, पिछले 25 वर्षों में, पनामा ने इसे जिम्मेदारी से संचालित और विस्तारित किया है. पनामा नहर के प्रबंधन के लिए पनामा अंतरराष्ट्रीय कानून और ट्रीटी के आधार पर काम करता है. उन्होंने कहा, "हम अपनी संप्रभुता और अधिकारों का सम्मान करते हुए सभी मित्र देशों के साथ संबंध बनाए रखेंगे. अमेरिका के साथ भी हमारा रिश्ता संवाद और सम्मान पर आधारित रहेगा."
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-