शामली मुठभेड़ में घायल यूपी एसटीएफ के अधिकारी शहीद, सीएम ने परिवार के लिए किया मदद का ऐलान

शामली मुठभेड़ में घायल यूपी एसटीएफ के अधिकारी शहीद

प्रेषित समय :13:48:17 PM / Thu, Jan 23rd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

शामली. यूपी के शामली जिले में हुई मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हुए उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के निरीक्षक की गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. गौरतलब है कि शामली के झिंझिना इलाके में 22 जनवरी की देर रात हुई मुठभेड़ में पुलिस निरीक्षक सुनील कुमार  उम्र 54 वर्ष को कई गोलियां लगी थीं. उन्हें पहले हरियाणा के करनाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मेदांता में चिकित्सकों ने सुनील के लिवर में गोली लगने की वजह से उनकी सर्जरी शुरू की थी. ऑपरेशन के दौरान बुधवार को सुनील की मौत हो गई.

सुनील कुमार साल 1990 में एक कांस्टेबल के रूप में प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) में शामिल हुए थे. वर्ष 2002 में हेड कांस्टेबल के रूप में पदोन्नत हुए थे. 2011 में पदोन्नति होने पर प्लाटून कमांडर बने. वह 2020 में दल नायक के रूप में पदोन्नत किये गए थे. वह 2009 से एसटीएफ के लिए काम कर रहे थे और उन्हें उनकी बहादुरी के लिए कई पुरस्कार मिले थे. सुनील कुमार का शव मेरठ जिले के उनके पैतृक गांव मसूरी लाया गया जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े.

सुनील कुमार के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुनील कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए एक्स पर पोस्ट किया है कि कर्तव्यपथ के अमर योद्धा को नमन, जनपद शामली में अपराधियों के साथ साहसिक मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त यूपी एसटीएफ के निरीक्षक सुनील कुमार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिजनों को रुपए 50 लाख की आर्थिक सहायताए परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी तथा उनके गृह जनपद मेरठ में एक सड़क का नामकरण शहीद के नाम पर किए जाने की घोषणा की है. यूपी पुलिस ने लिखा है स्वर्गीय सुनील कुमार के दु:खद निधन पर उत्तर प्रदेश पुलिस परिवार की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि! दिवंगत निरीक्षक को सद्गति व उनके परिजनों, प्रियजनों के संबल हेतु हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के शामली जिले में पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़ में एक लाख रुपये का इनामी अपराधी व उसके तीन साथी मारे गए थे. एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश ने एक बयान में बताया था. एसटीएफ मेरठ की टीम के साथ हुई मुठभेड़ में मुस्तफा कग्गा गिरोह के सदस्य अरशद व उसके तीन अन्य साथी मंजीत, सतीश एवं एक अज्ञात मारे गए. यश ने बताया   कि अरशद सहारनपुर के बेहट थाने में दर्ज लूट के एक मामले में वांछित था. मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक ने उस पर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा कर रखी थी. अरशद के खिलाफ डकैती, लूट व हत्या के लगभग 21 मामले दर्ज हैं.  

एसटीएफ के एक बयान के अनुसार मुठभेड़ में मारे गए आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 30 बोर की कार्बाइन, 30 बोर की एक पिस्तौल, ण्32 बोर की एक पिस्तौल, 315 बोर के दो तमंचे, 315 बोर का एक पौनिया, 25 अदद जिंदा कारतूस, 30 बोर के अलावा विभिन बोर के कारतूस बरामद किए गए थे. आरोपियों की सफेद रंग की ब्रेजा कार भी पुलिस ने जब्त कर ली थी. एसटीएफ के अनुसार 2011 में कुख्यात सरगना मुस्तफा उर्फ कग्गा के पुलिस मुठभेड़ में सहारनपुर में मारे जाने के बाद इस गिरोह की कमान शातिर अपराधी मुकीम काला ने संभाली थी. मुकीम काला को 2015 में एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया.

वर्ष 2021 में चित्रकूट जिला कारागार में गैंगवार में मुकीम काला मारा गया. उसकी मौत के बाद अरशद ने गिरोह की कमान संभाल ली थी. एसटीएफ के मुताबिक हरियाणा के शूटर मनजीत दहिया को साथ मिलाकर अरशद ने गैंग को पुनर्जीवित किया और हत्याए लूट समेत विभिन्न आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया. एसटीएफ के अनुसार सहारनपुर जिले के गंगोह थाना क्षेत्र के बाढ़ी माजरा निवासी अरशद के खिलाफ कुल 21 मामले दर्ज हैं. सोनीपत निवासी मनजीत उर्फ ढिल्ला के खिलाफ हरियाणाए सहारनपुर और शामली में कुल पांच मामले तथा करनाल निवासी सतीश के खिलाफ हरियाणा के करनाल और पानीपत तथा उत्तर प्रदेश के शामली में चार मामले दर्ज हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-