*प्रदोष व्रत का दिन देवों के देव महादेव की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन शिवजी की विधिवत पूजा करने से वह प्रसन्न होते हैं, लेकिन कुछ गलतियों से नाराज हो सकते हैं.
*प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन कष्टों से मुक्ति पाने के लिए शिवजी की पूजा-अर्चना की जाती है. पंचांग के अनुसार, 29 जनवरी 2025 दिन सोमवार को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. जब यह व्रत सोमवार को पड़ता है, तो इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है. सोम प्रदोष व्रत का दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियों का आगमन होता है, लेकिन प्रदोष व्रत के दिन कुछ कार्यों की मनाही होती है. मान्यता है कि इन कार्यों से व्यक्ति को नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं.
इसलिए प्रदोष व्रत के कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है.
आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के नियम...
*प्रदोष व्रत के नियम-*
१. प्रदोष व्रत के दिन पूजा-आराधना के दौरान शिवलिंग पर नारियल नहीं चढ़ाना चाहिए. ज्योतिष के अनुसार, भगवान भोलेनाथ को नारियल अर्पित किया जा सकता है, लेकिन शिवलिंग पर नारियल चढ़ाने की मनाही होती है.
२. शिवलिंग पर तुलसी का पत्ता, सिंदूर, केतकी के फूल और हल्दी अर्पित करने से बचना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से शिवजी नाराज हो सकते हैं. शिवलिंग पर शंख से भी जल अर्पित करने की मनाही होती है.
३. प्रदोष व्रत में व्रती के साथ घर के सदस्यों को प्याज,लहसुन और मांस-मदिरा समेत तामसिक भोजन के सेवन से परहेज करना चाहिए.
४. सोम प्रदोष व्रत के दिन झूठ न बोलें और न ही किसी को जाने-अनजाने में कष्ट पहुंचाएं. इस दिन नकारात्मक विचारों से भी दूरी बनाना चाहिए.
५. प्रदोष व्रत के दिन पूजा-पाठ के दौरान काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए. इस दिन सफेद, हरे या पीले रंग का वस्त्र धारण कर सकते हैं.
६. प्रदोष व्रत के दिन किसी का अपमान करने से बचें. ईर्ष्या, जलन और द्वेष से दूरी बनाएं. अपने से बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें और शिव आराधना में समय व्यतीत करें.