स्कंद षष्ठी व्रत 3 शुभ योग में, चोर पंचक का तीसरा दिन

स्कंद षष्ठी व्रत 3 शुभ योग में, चोर पंचक का तीसरा दिन

प्रेषित समय :19:53:29 PM / Sat, Jan 4th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

स्कंद षष्ठी व्रत

3 शुभ योग में, चोर पंचक का तीसरा दिन

5 जनवरी 2025 को पौष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है. इस तिथि पर चंद्रमा कुंभ राशि में मौजूद होंगे.स्कंद षष्ठी के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. त्रिपुष्कर योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. त्रिपुष्कर योग में किए गए शुभ कार्यों के 3 गुना फल प्राप्त होते हैं, जबकि सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल सिद्ध होते हैं.स्कंद षष्ठी रवि योग में सूर्य देव की पूजा करने से आपके दोष मिटेंगे और शुभ फलों की प्राप्ति होगी. रविवार को सूर्य देव की पूजा करें. उनको लाल चंदन, लाल फूल और गुड़ वाले पानी से अर्घ्य दें. सूर्य चालीसा का पाठ करें. इससे कुंडली का सूर्य दोष दूर होगा.

स्कंद षष्ठी व्रत के दिन भगवान स्कंद की पूजा करते हैं. भगवान स्कंद शिवजी के पुत्र हैं. उनको कार्तिकेय के नाम से जानते हैं, जो दक्षिण भारत में स्कंद कुमार, मुरुगन भगवान के रूप में पूजित हैं. उनकी कृपा से काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, भय आदि से मुक्ति मिलती है. दुश्मनों पर विजय, संतान प्राप्ति, सुख-समृद्धि, सौभाग्य, सफलता आदि के लिए स्कंद षष्ठी व्रत रखकर भगवान कार्तिकेय की पूजा करते हैं. रविवार के दिन लाल वस्त्र, लाल फूल, लाल चंदन, केसर, गेहूं, गुड़, तांबा आदि का दान करना चाहिए. इससे भी कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है. कार्य क्षेत्र में तरक्की होती है. 

पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर शुद्ध जल से स्नान करके साफ कपड़े पहनें.
एक साफ स्थान पर भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें.
मूर्ति के सामने एक चौकी या पलंग पर लाल कपड़ा बिछाएं.
मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाएं और अगरबत्ती या धूप जलाएं.
भगवान कार्तिकेय को फल और फूल चढ़ाएं. विशेषकर कमल का फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है.
भगवान कार्तिकेय की मूर्ति पर रोली का तिलक लगाएं.
भगवान कार्तिकेय को प्रसाद चढ़ाएं, प्रसाद में आप मोदक, फल, दूध आदि चढ़ा सकते हैं.
भगवान कार्तिकेय की आरती करें और पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करें.
यदि संभव हो तो किसी मंदिर में जाकर भगवान कार्तिकेय के दर्शन करें.
व्रत के लाभ 
जो लोग संतानहीन हैं, उनको स्कंद षष्ठी का व्रत रखकर भगवान कार्तिकेय की पूजा करनी चाहिए. उनके आशीर्वाद से संतान की प्राप्ति हो सकती है.
यदि आपके जीवन में धन और वैभव की कमी है तो आपको भी स्कंद षष्ठी का व्रत रखना चाहिए. आप पर माता लक्ष्मी की कृपा होगी.
स्कंद कुमार के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है. इस बार स्कंद षष्ठी सोमवार को है और सोमवार का दिन भोलेनाथ की पूजा के लिए समर्पित है.
स्कंद षष्ठी पर भगवान शिव और स्कंद कुमार यानि पिता-पुत्र की पूजा का सुंदर संयोग बना है. दोनों की साथ में पूजा करने से आपके कार्य सफल होंगे और जीवन में सुख और समृद्धि आ सकती है.
संतान की लंबी आयु और शत्रुओं को पराजित करने के लिए भी स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाता है.
महत्व 
स्कंद षष्ठी के दिन विधि-विधान से व्रत और पूजा करने से भगवान कार्तिकेय की विशेष कृपा प्राप्त होती है और यह व्रत लोगों को शनि दोष से भी मुक्ति दिलाता है. इसके अलावा इस व्रत को करने से संतान प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस दिन इस दिन श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में विशेष चीजों का दान करना फलदायी साबित होता है.

रविवार सप्तमी के दिन नमक मिर्च बिना का भोजन करे

*रविवार सप्तमी के दिन जप/ध्यान करने का वैसा ही हजारों गुना फल होता है जैसा की सूर्य/चन्द्र ग्रहण में जप/ध्यान करने से होता |
 रविवार सप्तमी के दिन अगर कोई नमक मिर्च बिना का भोजन करे और सूर्य भगवान की पूजा करे , तो उस घातक बीमारियाँ दूर हो सकती हैं , अगर बीमार व्यक्ति न कर सकता हो तो कोई ओर बीमार व्यक्ति के लिए यह व्रत करे . इस दिन सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिये .
सूर्य पूजन विधि
१) सूर्य भगवान को तिल के तेल का दिया जला कर दिखाएँ , आरती करें .
२) जल में थोड़े चावल ,शक्कर , गुड , लाल फूल या लाल कुमकुम मिला कर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें .
सूर्य अर्घ्य मंत्र
1. ॐ मित्राय नमः.
2. ॐ रवये नमः.
3. ॐ सूर्याय नमः.
4. ॐ भानवे नमः.
5. ॐ खगाय नमः.
6. ॐ पूष्णे नमः.
7. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः.
8. ॐ मरीचये नमः.
9. ॐ आदित्याय नमः.
10. ॐ सवित्रे नमः.
11. ॐ अकीय नमः.
12. ॐ भास्कराय नमः.
13. ॐ श्रीसवितृ-सूर्यनारायणाय नमः.
(शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 10)
घातक बीमारियाँ दूर करने के लिए :
>> रविवार सप्तमी के दिन बिना नमक का भोजन करें .
>> सूर्य भगवान का पूजन करें, अर्घ दें व भोग दिखाएँ, दान करें .
तिल के तेल का दिया सूर्य भगवान को दिखाएँ व ये मंत्र बोलें :-
"जपा कुसुम संकाशं काश्य पेयम महा द्युतिम .
तमो अरिम सर्व पापघ्नं प्रणतोस्मी दिवाकर .."
विशेष - घर में कोई बीमार रहता हो या घातक बीमारी हो तो परिवार का सदस्य ये विधि करें तो बीमारी दूर होगी .
इस महा पुण्यशाली दिवस पर सभी साधक भाई-बहन पूज्यश्री के स्वास्थ्य एवं शीघ्र रिहाई के लिए अधिक से अधिक जप-ध्यान व प्रार्थना करें .
 *12. ॐ भास्कराय नमः.
*13. ॐ श्रीसवितृ-सूर्यनारायणाय नमः.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-