नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने शासन पर सीएजी रिपोर्ट पेश करने के लिए राज्य विधानसभा की बैठक बुलाने का निर्देश देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा कि मामले में दिल्ली सरकार की ओर से अत्यधिक देरी हुई है. अदालत ने रेखांकित किया कि संविधान के तहत ऑडिट रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखना अनिवार्य है.
अदालत ने कहा कि अदालत विधानसभा की विशेष बैठक बुलाने की याचिकाकर्ता की प्रार्थना को स्वीकार करने के लिए इच्छुक नहीं है. विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और भाजपा विधायकों मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अजय कुमार महावर, अभय वर्मा, अनिल कुमार बाजपेयी और जीतेंद्र महाजन ने पिछले साल याचिका दायर की थी और स्पीकर को सदन की बैठक बुलाने का निर्देश देने की मांग की थी.
सीएजी रिपोर्ट पेश करने के लिए बैठक याचिकाकर्ताओं ने वकील नीरज और सत्य रंजन स्वैन के माध्यम से याचिका दायर की. स्पीकर और सरकार के वरिष्ठ वकीलों ने अदालत द्वारा इस तरह का निर्देश पारित करने का विरोध किया और कहा कि जब जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं तो रिपोर्ट को उस स्तर पर पेश करने की कोई जल्दी नहीं थी.
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