पलपल संवाददाता, जबलपुर. मौनी अमावस्या पर आज जीवन दायनी मां नर्मदा नदी में आज ब्रम्ह मुहूर्त पर हजारों की संख्या में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. जबलपुर में गौरीघाट, तिलवारा, जिलहरी घाट, भेड़ाघाट सहित अन्य सभी घाटों पर सुबह से लोगों का आना शुरु हो गया था. आज भीड़ का एक बड़ा कारण यह भी बताया जा रहा है कि महाकुम्भ का आज दूसरा शाही स्नान है. जबलपुर के अलावा नर्मदापुरम, सहित अन्य जिलों में भी लोगों ने नर्मदा नदी में स्नान कर पूजन पाठ किया. वहीं दूसरी ओर उज्जैन में भी शिप्रा नदी में भी लोगों ने मौनी अमावस्या पर आस्था की डुबकी लगाते हुए पूजन पाठ किया.
बताया जा रहा है कि जबलपुर, नर्मदापुरम के अलावा हरदा, इटारसी, बैतूल, भोपाल, विदिशा, बीना सहित अन्य शहरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई. नर्मदा के घाटों पर हर-हर नर्मदे के जयकारे गूंज रहे हैं. जबलपुर के ग्वारी घाट और जिलहरी घाट में स्नान के लिए श्रद्धालु की भीड़ उमड़ी है. नर्मदा जी पहुंचे श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रयागराज में भीड़ होने के चलते नर्मदा नदी में डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे है. मौनी अमावस्या पर अन्नदान, वस्त्रदान का भी विशेष महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पितरों के निमित्त धूप-दीप जलाना, तर्पण और पिंड दान करना चाहिए.
इसके साथ ही पात्र दान का संकल्प सुख-शांति के साथ आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है. पंडितों के अनुसार तीर्थ स्थानों पर मौनी अमावस्या पर स्नान, दान, तर्पण आदि का विशेष महत्व होता है. इस दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र व सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. भारतीय ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों व नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर कुंभ, महाकुंभ व सिंहस्थ जैसे विशेष योग बनते हैं. इस बार के योग में प्रयागराज में स्नान का बड़ा महत्व है. हालांकि यदि वहां जाना संभव न हो, तो अन्य तीर्थ स्थलों पर भी कल्पवास किया जा सकता है. जबलपुर के गौरीघाट, तिलवारा घाट, भेड़ाघाट सहित अन्य घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी. वहीं होमगार्ड के बोट नदी में लगातार भ्रमण करती रही. ऐसा कहा जा रहा है कि आज नर्मदा जी के घाटों पर दो लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने की संभावना है.




