हरित विकास की ओर कदम: बजट 2025-26 में स्वच्छ ऊर्जा और कृषि सुधारों का जोर

हरित विकास की ओर कदम: बजट 2025-26 में स्वच्छ ऊर्जा और कृषि सुधारों का जोर

प्रेषित समय :18:34:44 PM / Sat, Feb 1st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

यह केंद्रीय बजट 2025-26 भारत की सस्टेनेबल डेवेलपमेंट यात्रा को एक नई दिशा देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं. सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा, घरेलू उत्पादन और कृषि को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए हैं. इस बजट को करदाताओं के लिए उपयुक्त बताया जा रहा है, जिसमें ऐसे प्रावधान हैं जो क्लीन एनर्जी और परिवहन व्यवस्था में तेजी लाने का काम करेंगे.

इनोवेशन और घरेलू निर्माण को बढ़ावा

इस बार के बजट में घरेलू उद्योगों को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है. खासकर सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन बैटरियां, विंड टरबाइन, हाई-वोल्टेज ट्रांसमिशन उपकरण और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में विनिर्माण क्षमता बढ़ाने की योजना बनाई गई है. सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण खनिजों—जैसे कोबाल्ट पाउडर, लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप, लेड और जिंक—पर कस्टम ड्यूटी को समाप्त कर दिया है, जिससे इन उद्योगों में कच्चे माल की लागत घटेगी और स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग, जिसे कर संरचना में राहत की उम्मीद थी, इस बजट में अपेक्षित समर्थन नहीं मिला है.

छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स के लिए राहत

एमएसएमई, स्टार्टअप्स और निर्यातकों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना का विस्तार किया गया है, जिसके तहत अगले पाँच वर्षों में ₹1.5 लाख करोड़ तक अतिरिक्त ऋण की सुविधा मिलेगी. इससे क्लीन एनर्जी और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा. छोटे और मझोले उद्यमियों के लिए यह एक राहत देने वाली पहल है, क्योंकि इससे उन्हें वित्तीय सहायता मिल सकेगी.

कृषि में जलवायु परिवर्तन से निपटने की तैयारी

कृषि क्षेत्र में जलवायु अनुकूलन के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. ‘नेशनल मिशन ऑन हाई यील्डिंग सीड्स’ के तहत जलवायु-प्रतिरोधी और कीट-प्रतिरोधी बीजों पर शोध को बढ़ावा दिया जाएगा. किसानों के लिए ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ की सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है, जिससे लगभग 7.7 करोड़ ग्रामीण उद्यमियों को अपनी आजीविका मजबूत करने का अवसर मिलेगा. साथ ही, ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ के तहत 100 कम उत्पादकता वाले जिलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ावा मिलेगा.

न्यूक्लियर एनर्जी में बड़ा निवेश

स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ₹20,000 करोड़ के ‘न्यूक्लियर एनर्जी मिशन’ की घोषणा की है. इस मिशन का उद्देश्य 2033 तक पाँच स्वदेशी स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) स्थापित करना है, जिससे भारत के ऊर्जा क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत किया जा सके.

शहरी बुनियादी ढांचे का कायाकल्प

शहरी क्षेत्रों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाने और उन्हें आधुनिक बनाने के लिए ‘अर्बन चैलेंज फंड’ की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत ₹1 लाख करोड़ तक की राशि शहरी विकास परियोजनाओं में निवेश की जाएगी, जिनमें ‘Cities as Growth Hubs’, ‘Creative Redevelopment of Cities’ और ‘Water & Sanitation’ जैसी पहलें शामिल हैं. यह योजना शहरों को गर्मी से बचाने, जल संसाधन प्रबंधन को सुधारने और जलवायु अनुकूल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने में सहायक हो सकती है.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा

‘रूरल प्रॉस्पेरिटी एंड रेज़िलियंस प्रोग्राम’ के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित किए जाएंगे. विशेष रूप से, ग्रामीण महिलाएं, युवा किसान और भूमिहीन परिवार इसका लाभ उठा सकेंगे. इस योजना में वैश्विक बेहतरीन प्रथाओं और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को शामिल किया जाएगा ताकि इसे अधिक प्रभावी बनाया जा सके.

क्या यह बजट सही दिशा में है?

यह बजट भारत को हरित विकास की ओर बढ़ाने का एक सकारात्मक कदम है. स्वच्छ ऊर्जा, कृषि सुधार और शहरी विकास पर जोर देकर यह स्पष्ट किया गया है कि सरकार दीर्घकालिक आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिरता को प्राथमिकता दे रही है. हालांकि, इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को कर राहत न मिलना और कुछ अन्य क्षेत्रों को अपेक्षित समर्थन न मिलना निराशाजनक हो सकता है.

फिर भी, इस बजट की घोषणाएँ भारत को आत्मनिर्भर और जलवायु संवेदनशील अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक साबित हो सकती हैं. अब यह देखना होगा कि इन योजनाओं को कितनी सफलता के साथ लागू किया जाता है.

विशेषज्ञों की राय

श्रुति शर्मा, लीड एनर्जी प्रोग्राम, IISD

"बजट में बिजली वितरण सुधार और ट्रांसमिशन क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया गया है, जिससे DISCOMs की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी. लेकिन बिजली पर दी जाने वाली 93% सब्सिडी को नियंत्रित किए बिना यह सुधार टिकाऊ नहीं हो सकते. इसके अलावा, PM-KUSUM योजना के बारे में कोई स्पष्ट दिशा नहीं दी गई, जबकि यह कृषि क्षेत्र में सोलर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने का अहम अवसर हो सकता था."

ऋषभ जैन, वरिष्ठ कार्यक्रम लीड, CEEW

"यह बजट घरेलू निर्माण और निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में सही कदम है, जिससे रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, क्लीन एनर्जी उपकरणों के निर्माण में कच्चे माल की कमी, तकनीकी कौशल की सीमाएँ और व्यापार संबंधी चुनौतियाँ भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को सीमित कर रही हैं. नई पहलों को सफल बनाने के लिए अधिक अंतर-मंत्रालयी समन्वय और उद्योगों में R&D निवेश की जरूरत है."

लबन्या जेना, सस्टेनेबल फाइनेंस विशेषज्ञ

"भारत का न्यूक्लियर एनर्जी की दिशा में बढ़ना एक साहसिक कदम है, लेकिन उच्च पूंजी लागत और जोखिमों को देखते हुए सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसका वित्तपोषण कौन करेगा? यदि सरकार का ₹10,000 करोड़ का फ़ंड जलवायु समाधान और स्वच्छ तकनीकों के लिए समर्पित किया जाता है, तो यह भारत को क्लाइमेट टेक हब बनाने में मदद कर सकता है."

आरती खोसला, निदेशक, क्लाइमेट ट्रेंड्स

"इस बजट में राष्ट्रीय निर्माण मिशन के तहत ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के साथ क्लीन एनर्जी बदलाव के लिए एक मजबूत रूपरेखा तैयार की गई है. PM सूर्य घर योजना के तहत रूफटॉप सोलर को प्राथमिकता देना स्वागत योग्य है. साथ ही, 2047 तक 100 GW गैर-जीवाश्म ऊर्जा का लक्ष्य रखते हुए न्यूक्लियर मिशन की घोषणा भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है. हालांकि, परमाणु ऊर्जा की सुरक्षा पर चिंताएँ बनी हुई हैं.

महुआ आचार्य, संस्थापक CEO, INTENT

"बजट 2025 में क्लीन टेक निर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया है, जो भारत को हरित विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाने में मदद करेगा. ग्रिड-स्केल बैटरियों, EV बैटरियों और सोलर PV निर्माण को समर्थन देना एक सकारात्मक कदम है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-