नई दिल्ली. संसद में बजट सेशन के तीसरे दिन सोमवार को महाकुंभ में भगदड़ से हुई मौतों को लेकर विपक्ष ने दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया. कांग्रेस, सपा समेत तमाम विपक्षी दलों ने सरकार पर मौत का आंकड़ा छिपाने का आरोप लगाया. सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और मौतों की सही जानकारी देने की मांग की.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा- 29 जनवरी को महाकुंभ में हुई भगदड़ में मारे गए हजारों लोगों को मेरी श्रद्धांजलि. राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उन्हें बयान (हजारों लोगों की मौत) वापस लेने को कहा. जवाब में खडग़े ने कहा कि, यह मेरा अनुमान है. अगर आंकड़े सही नहीं हैं तो सरकार को बताना चाहिए कि सच्चाई क्या है. मैंने किसी को दोषी ठहराने के लिए हजारों नहीं कहा, लेकिन कितने लोग मारे गए, यह जानकारी तो दीजिए. अगर मैं गलत हूं तो मैं माफी मांगूंगा.
महाकुंभ में 28 जनवरी को मौनी अमावस्या के अमृत स्नान से पहले रात करीब 2 बजे भगदड़ हुई थी. यूपी सरकार ने 17 घंटे बाद 30 मौतों और 60 लोगों के घायल होने की बात कही.
लोकसभा में विपक्ष का वॉकआउट, कुछ देर बाद लौटे
लोकसभा में भी हंगामा कर रहे सांसद वेल तक पहुंच गए. वे स्पीकर ओम बिरला से कुंभ भगदड़ पर चर्चा की मांग कर रहे थे. बिरला ने सांसदों से कहा- आपको जनता ने यहां सवाल पूछने भेजा है कि मेज तोड़ने, अगर मेज तोड़ने भेजा है तो और जोर से मारिए. इसके बाद भी विपक्षी सांसद हंगामा करते रहे. वे नारा लगा रहे थे- सरकार कुंभ में हुई मौतों का आंकड़ा जारी करे. केंद्र सरकार होश में आओ. योगी सरकार इस्तीफा दो. सनातन विरोधी सरकार इस्तीफा दो. विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट किया. कुछ देर बाद वे वापस आ गए.
भगदड़ पर पक्ष और विपक्ष के बयान...
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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- पहले दिन से ही राज्य सरकार आंकड़े दे रही है कि कितने लोगों ने पवित्र डुबकी लगाई. जो लोग पवित्र डुबकी लगाने वालों की संख्या बता सकते हैं, वे यह नहीं बता पा रहे हैं कि कितने लोगों की जान गई. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. यह पहले सीएम हैं जो सच को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. सरकार का दिया गया 30 लोगों की मौत का आंकड़ा सही नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-