छत्तीसगढ़: अमित शाह बोले, आचार्य विद्यासागर का क्षण-क्षण राष्ट्र को समर्पित, तप, साधना से भारत को दिलाई दुनिया में पहचान..!

छत्तीसगढ़: अमित शाह बोले, आचार्य विद्यासागर का क्षण-क्षण राष्ट्र को समर्पित, तप, साधना से भारत को दिलाई दुनिया में पहचान..!

प्रेषित समय :18:42:34 PM / Thu, Feb 6th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, रायपुर/राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी में आचार्य विद्यासागर महाराज की प्रथम पुण्यतिथि में विनयांजलि सभा आयोजित की गई. जिसमें शामिल हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी के जीवन का क्षण-क्षण व शरीर का कण-कण राष्ट्र को समर्पित रहा. तप व साधना से उन्होंने भारत को विश्व में पहचान दिलाई. शाह ने आगे कहा कि महाराज जी केवल संत नहीं थे. वे विद्वान पुरुष थे, जिन्होंने नए विचार को जन्म दिया.

श्री शाह ने आगे कहा कि देश की पहचान इंडिया से नहीं बल्कि भारत से होनी चाहिए. जी-20 की मेजबानी के दौरान दूसरे देशों के राष्ट्र अध्यक्षों को निमंत्रण पीएमओ भारत के नाम से गया. इस मौके पर श्री शाह नेे आचार्य विद्यासागर की तस्वीर वाला 100 रुपए का सिक्का व 5 रुपए का डाक टिकट भी जारी किया. कार्यक्रम के बाद गृह मंत्री अमित शाह चंद्रगिरि स्थित प्रतिभास्थली पहुंचे, जहां उन्होंने जैन संतों के साथ भोजन ग्रहण किया. इसके बाद वे मां बम्लेश्वरी मंदिर पहुंचे और माता के दर्शन कर पूजा-अर्चना की. इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, सांसद संतोष पांडेय भी मौजूद रहे. गौरतलब है कि 18 फरवरी 2024 को आचार्य विद्यासागर महाराज ने डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ में समाधि ली थी.

तिथि के अनुसार उनके समाधि को आज एक वर्ष पूर्ण हो रहे है. एक वर्ष पूर्ण होने पर चंद्रगिरी ट्रस्ट की ओर से 1 से 6 फरवरी तक भव्य महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. गौरतलब है कि  डोंगरगढ़ में प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी का मंदिर है. प्रज्ञागिरि, चंद्रगिरी जैसे धार्मिक स्थल और विद्यासागर महाराज जी की समाधि के बाद यह क्षेत्र अब महातीर्थ बन चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित कई बड़े नेता यहां विद्यासागर महाराज से मुलाकात कर चुके हैं. इस मौके पर अन्य अतिथियों ने कहा कि विद्यासागर महाराज ने समाज को देशभक्ति व संयम का रास्ता दिखाया. राष्ट्र संत विद्यासागर महाराज का जीवन राष्ट्रभक्ति और जनसेवा को समर्पित रहा. उनके द्वारा स्थापित कई सामाजिक प्रकल्प आज भी डोंगरगढ़ में सक्रिय हैं.

स्कूल और गौशाला संचालित

जैन समाज के मुताबिक क्षेत्र में स्थित प्रतिभा स्थली स्कूल बेटियों की शिक्षा के प्रति उनकी विशेष प्रतिबद्धता का प्रमाण है. यह प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ आवासीय स्कूल है. इसके अतिरिक्तए चंद्रगिरी तीर्थ में हथकरघा उद्योग और एक विशाल गौशाला भी संचालित हैए जो उनकी सामाजिक दृष्टि को प्रतिबिंबित करते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-