सुप्रीम कोर्ट ने CLAT 2025 के नतीजों को चुनौती देने वाली याचिकाएं दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर की, अब 3 मार्च को होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने CLAT 2025 के नतीजों को चुनौती देने वाली याचिकाएं दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर की

प्रेषित समय :17:32:26 PM / Thu, Feb 6th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने आज सुसंगत निर्णय सुनिश्चित करने के लिए 2025 क्लेट परिणामों को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को विभिन्न उच्च न्यायालयों से दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया. कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (सीएनएलयू) की याचिकाओं को स्थानांतरित करने की अनुमति देते हुए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के साथ-साथ न्यायमूर्ति संजय कुमार व केवी विश्वनाथन की पीठ ने निर्देश दिया कि सभी याचिकाओं पर 3 मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की जाएगी.

सामान्य कानून प्रवेश परीक्षाओं, पीजी व यूजी से संबंधित मामलों को दिल्ली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ में स्थानांतरित किया जाएगा. जहां एक पत्र पेटेंट अपील लंबित है. रिकॉर्ड को सात दिनों के भीतर शीघ्रता से स्थानांतरित किया जाना है. पिछले साल दिसंबर में आयोजित कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट 2025, भारत भर के राष्ट्रीय कानून विश्वविद्यालयों में स्नातक व स्नातकोत्तर कानून कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है. विभिन्न उच्च न्यायालयों में कई याचिकाएं दायर की गईं. जिनमें दावा किया गया कि परीक्षा में कई प्रश्नों में त्रुटियां थीं.

पीठ ने किसी अन्य उच्च न्यायालय में लंबित किसी अन्य मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का सर्वव्यापी निर्देश भी पारित किया. पीठ ने कहा कि हम एक सर्वव्यापी आदेश पारित करने के इच्छुक हैं कि किसी अन्य उच्च न्यायालय या किसी अन्य मामले में  प्रतिवादी/सीएनएलयू मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष इस आदेश की एक प्रति दाखिल करने का हकदार है. पीठ ने 15 जनवरी को संकेत दिया था कि वह सभी याचिकाओं को एक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करेगी.

इसके लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को प्राथमिकता दी जा सकती है. देश के प्रमुख विधि विश्वविद्यालयों में विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक दिसंबर 2024 को क्लैट स्नातक (यूजी) व  स्नातकोत्तर (पीजी) परीक्षा आयोजित की गई थी. विभिन्न उच्च न्यायालयों में कई याचिकाएं दायर की गईं. जिनमें आरोप लगाया गया कि स्नातक परीक्षा में कई प्रश्न गलत थे. पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए क्लैट परिणामों को चुनौती देते हुए भी कई याचिकाएं दायर की गईं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-