जबलपुर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी रेलवे अफसर (चीफ वेलफेयर इंस्पेक्टर) विनोद कोरी की जमानत एक बार फिर से निरस्त कर दी है. जस्टिस विशाल धगट ने जमानत याचिका 10 फरवरी को सुनवाई के पश्चात निरस्त कर दी.
उल्लेखनीय है कि गत 21 अप्रैल को सिविल लाइन थाने में विनोद के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. 29 अप्रैल 2024 को जेल भेजा गया. 4 जुलाई 2024 को हाई कोर्ट ने सशर्त जमानत दी थी. कोर्ट ने कहा था कि पीड़ित को परेशान न किया जाए. बाद में पीड़िता को फिर से परेशान करने की शिकायत पर उसकी (आरोपी) की जमानत हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी थी.
यह है मामला
21 अप्रैल 2024 को पीड़ित युवती ने सिविल लाइन थाने में शिकायत की थी. इस दौरान बताया कि पिता रेलवे में जूनियर क्लर्क थे. साल 2022 में उनका देहांत हो गया था. रेलवे में उसी पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिलनी थी. चीफ वेलफेयर इंस्पेक्टर विनोद कोरी नौकरी के सबंध में डॉक्यूमेंट चेक करने घर आया. उसने दस्तावेज देखकर जल्दी जॉब मिलने की बात कही.
जुलाई 2022 में रेलवे कर्मचारियों के साथ ट्रेनिंग के लिए जोधपुर सेंटर भेजा गया. उस दौरान विनोद कोरी भी साथ गया था. खाली समय में सभी कैमल राइड के लिए गए. इस दौरान विनोद कोरी मेरे पीछे यह कहते हुए बैठ गया कि दूसरे कैमल पर जगह नहीं है. मैंने झल्लाकर दूर रहने को कहा, तो उसने कह दिया कि ट्रेनिंग में आई हो. जैसा कहता हूं वैसा करो, नहीं तो नौकरी खतरे में आ जाएगी. यह सुनकर मैं सहम गई.
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