झारखंड प्रदेश के कई कोयला खदानों से कोयले की भारी तस्करी, साइकिल से लेकर ट्रक तक इस तस्करी में शामिल

झारखंड प्रदेश के कई कोयला खदानों से कोयले की भारी तस्करी

प्रेषित समय :18:06:24 PM / Tue, Feb 18th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अनिल मिश्र/ रांची 

झारखंड प्रदेश की राजधानी रांची,रामगढ़,हजारीबाग,धनबाद और  झारखंड के कई जिलें में संचालित भारत कोकिंग कोल इंडिया लिमिटेड यानी बीसीसीएल के कोयला खदानों से चालू एवं बंद पड़े इन कोयला खदानों से प्रतिदिन कोयला चोर और तस्कर सरकार को ज्ञात या अज्ञात इन क्षेत्रों में सक्रिय हैं.जिसके कारण इन कोयला खदानों से प्रतिदिन लाखों रुपए के कोयले या तो चुराया जा रहा है,या कोयला माफियाओं द्वारा  ट्रकों में भरकर आसानी से बेचा जा रहा है.खासकर धनबाद और रामगढ़ जिले के वेस्ट बोकारो ओ पी क्षेत्र कोयला तस्करों का अड्डा बन गया हैl क्षेत्र के कई नामजद कोयला तस्कर और चोर लगातार सक्रिय दिख रहे हैंl वहीं  वेस्ट बोकारो क्षेत्र से बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध खनन और कारोबार चल रहा है.

हालांकि कोयले के अवैध खनन और कारोबार को रोकने के लिए राजधानी रांची सहित रामगढ़ जिला के उपायुक्त लगातार प्रयासरत हैं. लेकिन उनके प्रयास को कोयला के अवैध कारोबारी हवा में उड़ा दे रहे हैंl क्षेत्र में धडल्ले से कोयला का अवैध कारोबार चल रहा हैl क्षेत्र में चल रहे कोयला के अवैध कारोबार के बारे में जोरदार चर्चा हो रही हैl लेकिन कोयला तस्करों के राजधानी रांची में बैठे आका पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा हैl जिसके कारण कोयला का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है.

रामगढ़ जिले के मांडू सर्कल के कई नामजद कोयला तस्कर इन दिनों अवैध कारोबार से जुड़े हैंl जिनके नाम की जोरदार चर्चा चल रही हैl चर्चा है कि मांडू सर्कल के कुज्जू ओपी क्षेत्र से रोजाना सैकड़ों ट्रक कोयला बिहार के डेहरी ऑन सोन और  उत्तर प्रदेश के वाराणसी की मंडियों में भेजे जा रहे हैंl इस प्रकार सबसे अधिक कोयले का अवैध कारोबार वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र से चलने की बात कही जा रही हैl मांडू थाना क्षेत्र से भी कोयले का अवैध कारोबार चल रहा हैl क्षेत्र में चर्चा है कि कुज्जू,मांडू और वेस्ट बोकारो क्षेत्र से रोजाना लगभग सैकड़ों ट्रक अवैध कोयला बाहर के मंडियों में भेजी जा रही हैl वहीं क्षेत्र में स्थित फैक्ट्री में भी बड़े पैमाने पर अवैध कोयला का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है.जबकि साईकिल और बाइक से कोयला ढोने की परंपरा वर्षों से जारी है जो प्रतिदिन सुबह से शाम तक झारखंड के ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक निर्बाध रूप से जारी है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-