कांकेर (छत्तीसगढ़). गर्मी का मौसम शुरू होते ही जंगलों में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया है. वन की सुरक्षा की जिम्मेदार वन विभाग भानुप्रतापपुर परिक्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी मुख्यालय में काई उपस्थित नहीं रहते, न ग्रामीणों का फोन उठाते हैं. किसी गांव के जंगल में जब आग लगती हैं तो उसकी सूचना देने के लिए संपर्क करने पर अधिकारी फोन तक नहीं उठाते है, जिसकी वजह से जंगल जल कर खाक हो रहे हैं.
वन परीक्षेत्र अधिकारी अपने दायित्व का अच्छे से निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं. वन विभाग की लापरवाही के कारण हर वर्ष क्षेत्र के जंगलों में आग लगने की समय पर जानकारी नहीं मिल पाती है. जंगल में आग लगने से विभाग के अधिकारियों को फायर की जानकारी मोबाइल पर मिल जाती है उसके बाद भी आग पर विभाग काबू नहीं पा रही हैं. इससे वनों को तो नुकसान होता ही है, साथ ही वन्य जीवों पर भी संकट खड़ा हो जाता है.
ग्राम चवेला के जंगल व बांसला के पहाड़ी में सोमवार देर शाम आग लग गई. देर रात तक वन विभाग को पता नहीं चला. ग्रामीणों इसकी सूचना विभाग को देना चाही लेकिन भानुप्रतापपुर वन परिक्षेत्र अधिकारी मोहन नेताम किसी का फोन उठाना जरूरी नहीं समझते.
आबादी क्षेत्रों में पहुंचने लगे जंगली जानवर
पतझड़ का मौसम शुरू होते ही जंगल में अधिक आग की घटनाएं सामने आ रही है. आग से निपटने के लिए वन विभाग ने तैयारियां तो की है लेकिन आग बुझाना इतना आसान नहीं है. आग से बचने के लिए जंगली जीव आबादी वाले इलाकों में जा रहे हैं, जो कि चिंता का विषय है. वनों को आग से बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में कर्मचारी तैनात किए गए हैं. पंचायतों समेत आम आदमी को जंगलों की सुरक्षा के लिए जागरूक करने का भी प्रयास किया जा रहा है. आग लगाने वाले लोगों के पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-