आरआईएल मुखिया मुकेश अंबानी को लगा बड़ा झटका, सरकार ने भेजा 24522 करोड़ का डिमांड नोटिस

आरआईएल मुखिया मुकेश अंबानी को लगा बड़ा झटका, सरकार ने भेजा 24522 करोड़ का डिमांड नोटिस

प्रेषित समय :12:52:38 PM / Wed, Mar 5th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी प्रमोटेड रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसकी पार्टनर फर्म बीपी को लगभग 24,522 करोड़ रुपये की मांग का नोटिस भेजा है.

रिलायंस को यह नोटिस पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद भेजा है. 14 फरवरी को दिल्ली हाई कोर्ट ने एक इंटरनेशनल आर्बिट्रेटर के उस फैसले को पलट दिया था जिसमें रिलायंस और बीपी को नजदीकी ब्लॉक से निकाली गई गैस के लिए किसी भी हर्जाने की देनदारी नहीं बताई गई थी. रिलायंस ने शेयर बाजार को भेजी सूचना में इस डिमांड नोटिस की जानकारी दी है. कंपनी ने कहा, खंडपीठ के फैसले के बाद पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, बीपी एक्सप्लोरेशन (अल्फा) लिमिटेड और निको (एनईसीओ) लिमिटेड से 2.81 अरब डॉलर की मांग की है. 

मूल रूप से रिलायंस के पास कृष्णा गोदावरी बेसिन गहरे समुद्र वाले ब्लॉक में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जबकि बीपी के पास 30 प्रतिशत और कनाडाई कंपनी निको के पास शेष 10 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. इसके बाद, रिलायंस और बीपी ने उत्पादन साझाकरण अनुबंध (पीएससी) में निको की हिस्सेदारी ले ली और अब उनकी हिस्सेदारी बढ़कर क्रमश: 66.66 प्रतिशत और 33.33 प्रतिशत हो चुकी है.

सरकार ने 2016 में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी के आसपास के क्षेत्रों से केजी-डी6 ब्लॉक में स्थानांतरित हुई गैस की मात्रा के लिए रिलायंस और उसके भागीदारों से 1.55 अरब डॉलर की मांग की थी. इस दावे का रिलायंस ने विरोध किया था और जुलाई, 2018 में मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने भी कहा कि वह मुआवजे का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं है. इस फैसले के खिलाफ दायर सरकार की अपील को दिल्ली हाई कोर्ट की एकल पीठ ने मई 2023 में खारिज करते हुए मध्यस्थता निर्णय को बरकरार रखा था. 

हालांकि, पिछले महीने हाई कोर्ट की ही एक खंडपीठ ने रिलायंस और उसके भागीदारों के खिलाफ फैसला सुनाते हुए एकल न्यायाधीश के आदेश को खारिज कर दिया था. रिलायंस ने कहा कि कंपनी को सरकार से मांग का पत्र तीन मार्च, 2025 को प्राप्त हुआ है. इसके साथ ही उसने कहा, कंपनी को कानूनी रूप से सलाह दी गई है कि खंडपीठ का फैसला और यह मांग टिकने योग्य नहीं है. कंपनी खंडपीठ के फैसले को चुनौती देने के लिए कदम उठा रही है. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा, कंपनी को इस खाते में किसी भी देयता की उम्मीद नहीं है. इसके पहले रिलायंस ने कहा था कि वह इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-