गुवाहाटी. वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कल असम के चाय उद्योग की प्रशंसा की. अपने एडवांटेज असम भाषण का एक अंश साझा करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे प्रकृति ने राज्य को जमीन के ऊपर और नीचे दोनों जगह अविश्वसनीय संसाधनों से नवाजा है. उल्लेखनीय रूप से, उन्होंने असमिया भाषा में अपना पोस्ट साझा किया, जिससे राज्य के लोगों से और अधिक जुड़ाव हुआ और असम की विरासत के प्रति उनकी प्रशंसा प्रदर्शित हुई.
असम की 200 साल पुरानी चाय विरासत पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि कैसे बड़े बागानों के साथ-साथ छोटे चाय बागान भी विकसित हो रहे हैं, जो उद्योग में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को दर्शाता है.
अग्रवाल ने भारत की अर्थव्यवस्था में राज्य के अपार योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि असम भारत की 50% से अधिक चाय का उत्पादन करता है, जो सालाना 650 मिलियन किलोग्राम से अधिक उत्पादन करता है. यहां का चाय उद्योग 3 मिलियन लोगों को आजीविका प्रदान करता है और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 3% का योगदान देता है. उन्होंने छोटे चाय उत्पादकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला, जो 400 मिलियन किलोग्राम से अधिक हरी पत्तियों का उत्पादन करते हैं, जो असम की चाय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाते हैं.
सरकार के सक्रिय उपायों को पहचानते हुए, उन्होंने गारंटी-मुक्त ऋण और कृषि प्रौद्योगिकी में प्रगति जैसी पहलों की सराहना की, जो युवा उद्यमियों को सशक्त बना रहे हैं और चाय क्षेत्र को बदल रहे हैं. असम की उपजाऊ भूमि, समृद्ध विरासत और मजबूत सरकारी समर्थन के साथ, राज्य अपने विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त चाय उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-