ठाकुर कुमार सालवी
चित्तौड़गढ़. वेबसाइट ने डबल पैसा कमाने का लालच देकर शुरुआती लेन-देन में कुछ लाभ दिखाया, जिससे रमेश को भरोसा हो गया. इसके बाद उसने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों से भी निवेश कर दिया. जब रमेश ने अपनी पूरी राशि निकालने की कोशिश की, तो उसे ब्लॉक कर दिया गया. लालच में आकर लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे हैं. पुलिस भी समय समय पर सतर्क करती है. इसके बावजूद लोग झांसे में आकर अपने जीवन भर की कमाई ठगी में गंवा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया थाने के चिकारड़ा निवासी एक युवक के साथ हुआ है. इसमें इंस्टाग्राम पर वेबसाइट देख कर अमीर बनने के लालच में 71 लाख 36 हजार 308 रुपये गंवा दिए और ठगी का शिकार हो गया. साइबर ठगी के मामले में अब उसने साइबर पुलिस की मदद ली है. इस मामले में पुलिस ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज की है.
जानकारी के अनुसार साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए चिकारड़ा निवासी रमेश पुत्र रामेश्वरलाल जाट ने बताया कि उसने 4 अप्रैल 2024 को इंस्टाग्राम पर 91 क्लब के नाम से वेबसाइट देखी. इसमें आईडी के आधार पर रुपये कमाने का विज्ञापन था. इस विज्ञापन में अमीर बनने के ऊंचे सपने दिखाए थे. नरेश ने इंस्टाग्राम आईडी के लिंक को क्लिक किया और वेबसाइट पर गया तो वहां बताया कि इसमें रुपये जमा कराने पर डबल रुपये प्राप्त होंगे. इसके लिए कलर भर कर ओके करना होगा. उसने 4 अप्रैल 2024 को 91 क्लब वेबसाइड पर एड मनी करने के लिए क्यूआर कोड प्राप्त किया. इसमें उसने 2 हजार रुपये एड करने के लिए कहा गया और क्यूआर कोड पर बैंक अकाउंट से 2 हजार रुपये जमा करा दिए. इसके बाद वेबसाइट पर कलर भरने की बात कही गई. कलर भरने पर विश्वास में लेने के लिए एक डिजिटल बैंक बैलेंस बताया गया. इसमें से रुपये विड्राल करने पर बैंक अकाउंट में रुपये जमा हो गए. इससे उसे वेबसाइट पर विश्वास पुख्ता हो गया.
वेबसाइट पर दिखाया 14 लाख प्रॉफिट
एक बार विश्वास जमने के बाद नरेश ने और भी रुपये जमा कराए. इसके बाद वेबसाइट पर 14 लाख रुपये का प्रॉफिट दिखाया, जो बैंक खाते में शुरू-शुरू में प्रॉफिट जमा करा दिया गया. वेबसाइट पर विश्वास पुख्ता होने के साथ ही और भी रुपये इन्वेस्ट करना शुरू कर दिए. इस दौरान वेबसाइट के डिजीटल अकाउंट में प्रॉफिट दिखाई देने लगा.
परिवार के भी डाले रुपये, किया ब्लॉक
लगातार रुपये जमा कराने के बाद जब उसने रुपये को निकालना चाहा तो वेबसाइट ने उसे ब्लॉक कर दिया. बाद में टेलीग्राम चैनल के द्वारा आईडी को अनब्लॉक कर रुपये विड्राल करने की काफी कोशिश की लेकिन रुपये नहीं निकल पाए. प्रार्थी नरेश ने रिपोर्ट में बताया कि वेबसाइट पर खुद के द्वारा बनाई गई पहले खाते से 13 लाख 78 हजार 800 रुपए, दूसरे खाते से 14 लाख 26 हजार 998 रुपए, भाई कमलेश के बैंक खाते से 7 लाख 15 हजार 301 रुपये, भाभी सुनिता कुमारी जाट के खाते से 9 लाख 15 हजार रुपये, बहन कल्ला जाट के खाते से 7 लाख 98 हजार 924 रुपये, पिता रामेश्वरलाल के खाते से 4 लाख 67 हजार 785 रुपये और दादी केशी बाई के खाते से 11 लाख 33 हजार 500 रुपये का इन्वेस्ट कर दिया. वेबसाइट ने अच्छा मुनाफा देने का झांसा देकर छल पूर्वक 71 लाख 36 हजार 308 रुपये की धोखाधड़ी की है.
पुलिस जांच में जुटी, शिकायतों के बाद नहीं मिली राशि
ऑनलाइन वेबसाइट पर धोखाधड़ी और छलपूर्वक रुपये ट्रांसफर कराने के मामले में प्रार्थी ने साइबर हेल्प लाइन पर कई शिकायतें की है. इस मामले में साइबर थाना पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरूद्ध जांच में जुटी है. साइबर थाना पुलिस ने यह अनुसंधान पुलिस निरीक्षक मोतीलाल के सुपुर्द किया है. अब वेबसाइट खंगालने का काम किया जा रहा है.