एलएन द्विवेदी, अहमदाबाद. नर नारायण शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के मैनेजमेंट ट्रस्टी एवं मार्गदर्शक शास्त्री पुरुषोत्तम प्रकाश स्वामी ने कहा है कि- फोरेंसिक साइंस तकनीकी के क्षेत्र में एक ऐसा नवाचार है, जो संभावनाओं से परिपूर्ण है और इसके सहयोग से मानव जीवन में सुविधाओं का विस्तार और बेहतर जीवन की संभावनाओं पर भी ध्यान दिया जा सकता है.
स्वामी जी ने कहा कि- वैज्ञानिक तरक्की के दौर में आम लोगों को कई तरह की सुविधा उपलब्ध हुई है और उपलब्ध सुविधाओं के साथ तकनीकी विकास के दुरुपयोग और अपराध से जुड़े मामलों में नवीन तकनीकी के इस्तेमाल की समस्या सामने आई है. इसमें साइबर क्राइम जैसे मामले प्रमुख है. अपराधों के लिए नए तौर तरीके इस्तेमाल करने के साथ ही अपराधों की जांच और सत्य का पता करने के लिए भी नवाचार और नवीन तकनीकी का विकास हुआ है और सुविधा बढ़ी है इसके अंतर्गत प्रमुख है फॉरेंसिक साइंस.
स्वामीजी ने कहा कि- फोरेंसिक साइंस विद्यार्थियों के लिए नवीनतम रुचि का क्षेत्र भी है और अपार संभावनाओं के साथ ही इसमें रोजगार के भी अच्छे अवसर है. यह विषय समाज में समस्याओं व अपराधों पर नियंत्रण के क्षेत्र में बहुत उपयोगी है जो एक तरह से देश व समाज के लिए सेवा का अवसर भी है. स्वामीजी ने बताया कि नर नारायण शास्त्री इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी में देश के अग्रणी शैक्षिक संस्थानों के विषय विशेषज्ञ एवं प्रतिनिधियों का नियमित मार्गदर्शन विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाया जाता है, साथ ही देश की अग्रणी संस्थाओं के साथ एमओयू होने से यहां के विद्यार्थियों को अन्य संस्थाओं में जाकर अध्ययन करने का अवसर भी मिलता है, जिससे बेहतर शैक्षिक मार्गदर्शन भी उपलब्ध है.
स्वामीजी ने कहा कि- हमारा समृद्ध इतिहास यह बताता है कि पुरातन काल में भी हमारे यहां तकनीकी तौर पर व्यापक सुविधा और व्यवस्था उपलब्ध रही है और आज भी देश की प्रतिभाएं दुनिया में अपने शानदार प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित कर रही है.
कैंपस डायरेक्टर संजय शर्मा ने बताया कि फॉरेंसिक साइंस यानि न्यायालयिक विज्ञान जो कि न्याय से संबंधित विभिन्न कार्यों में किए जाने वाले अनुसंधान में सहयोगी महत्वपूर्ण व्यवस्था है. अपराधो के मामले में की जाने वाली जांच और अनुसंधान में उपलब्ध तथ्यों और सामग्री का विश्लेषण और अध्ययन करने के बाद सत्य व सटीक निष्कर्ष निकालने की एक प्रभावी प्रकिया है फोरेंसिक साइंस. न्याय और कानून के उद्देश्यों के इस्तेमाल किए जाने वाले इस विषय के अंतर्गत अपराधों तथा न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष की जांच की जाती है तथा विभिन्न तरह के विवादों व समस्याओं का समाधान किया जाता है. विभिन्न अपराधो से सम्बन्धित भौतिक साक्ष की जांच और मूल्यांकन के तहत इसमें फिंगरप्रिंट से लेकर डीएनए की जांच आदि प्रक्रियाएं भी शामिल होती है. इसके अंतर्गत अपराधों से जुड़े नमूने का विश्लेषण तथा अपराधों की प्रकृति के अनुरूप अग्रिम जांच और अनुसंधान करके सही निष्कर्ष निकालने की प्रक्रिया पूर्ण की जाती है वर्तमान में विभिन्न तरह के अपराधों की जांच के दौरान जो घटनाएं सामने आती है उनका बारीकी से अध्ययन कर सीन को रीक्रिएट करने और इसके विभिन्न पहलुओं की जांच के बाद एक नतीजे पर पहुंचने की पूर्ण प्रक्रिया अपनाई जाती है व सही नतीजे पर पहुंचा जाता है.
ध्यान रहे,असीमित संभावनाओं से जुड़े इस विषय का अंतर्गत जो कार्य किए जाते हैं वह आज की युवा पीढ़ी के रुचि का भी क्षेत्र है और नवीनतम अपराधों में जिस तरह की तकनीकी का उपयोग किया जाता है उसको देखते हुए इस विषय का प्रति जागरूकता समय की आवश्यकता भी है. देश में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी गांधीनगर गुजरात में स्थित है जो विश्व स्तर का प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान है.