बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से बहुचर्चित जमीन के बदले नौकरी के मामले में ईडी ने किया साढ़े तीन घंटे पुछताछ, विपक्ष ने कहा कानून के लम्बे हाथ, पक्ष ने बताया बदले की भावना से प्रेरित 

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से बहुचर्चित जमीन के बदले नौकरी के मामले में ईडी ने किया साढ़े तीन घंटे पुछताछ

प्रेषित समय :19:17:36 PM / Wed, Mar 19th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अनिल मिश्र/पटना 

बहुचर्चित जमीन के बदले नौकरी (लैड फॉर जॉब)   के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज बुधवार  को साढ़े तीन घंटे सवाल-जवाब किए. लालू यादव अपनी बेटी मीसा भारती के साथ सुबह ग्यारह बजे पटना स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे थे. वहां से दोपहर लगभग तीन बजे वापस राबड़ी आवास के लिए निकले. इस बीच वहां पर पत्रकारों   से कुछ नहीं बातचीत किया.लालू यादव और बेटी सांसद मीसा भारती के साथ वापस लौट गये.

नौकरी के बदले जमीन मामले में पटना के ईडी दफ्तर में पहुंचे लालू प्रसाद यादव से ईडी के अधिकारियों ने पहले हालचाल जाना और फिर उनसे तीखे सवाल पूछे. ईडी की तरफ से सवाल किया गया कि ईडी ने लालू प्रसाद यादव से पूछा कि राबड़ी देवी के नाम जमीन रजिस्ट्री होने के बाद संजय राय और उसके परिवार के दो सदस्य को रेलवे में नौकरी मिली ऐसा क्यों?

वहीं, ईडी ने सवाल किया कि किरण देवी ने अपनी अस्सी हजार नौ सौ वर्ग फीट जमीन तीन लाख सत्तर हजार में आख़िर आपकी बेटी मीसा भारती को ही क्यों बेची ? साथ ही,जमीन रजिस्ट्री के बाद ही किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को सेंट्रल रेलवे मुंबई में नौकरी मिली ऐसा क्यों ? ईडी ने लालू यादव को लंच और दवा खाने के लिए समय भी दिया.ईडी ने पहले एक बयान में बताया था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के अनुसार, अभ्यर्थियों को रेलवे में नौकरी के बदले में रिश्वत के तौर पर जमीन हस्तांतरित करनेके लिए कहा गया था. धनशोधन का यह मामला सीबीआई की शिकायत पर आधारित है.

इस संबंध में बताया जाता है कि लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव ने अभ्यर्थियों के परिवारों से  मामूली रकम पर जमीन हासिल कर ली थी.  इस संबंध में ईडी ने बताया कि आरोपपत्र में नामजद एक अन्य आरोपी हृदयानंद चौधरी (राबड़ी देवी की गौशाला का पूर्व कर्मचारी) ने एक अभ्यर्थी से संपत्ति अर्जित की थी और बाद में उसे हेमा यादव को हस्तांतरित कर दिया था.

इस बीच राजद विधायक मुकेश रौशन बदले की भावना से यह सब कार्रवाई होती है. सरकार को बताना चाहिए कि सीबीआई को क्या मिला, ईडी को क्या मिला और आईटी को क्या मिला. जब-जब सत्ता परिवर्तन होने वाला होता है तो ईडी, सीबीआई को आगे बढ़ाया जाता है. नीतीश कुमार को भी डर दिखाया जाता है कि आप अगर इधर-उधर करेंगे तो आप पर भी कार्रवाई तय है.

वहीं भारतीय जनता पार्टी के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि कानून के हाथ इतने लंबे हैं कि कोई बी गलत करेगा तो वो बच नहीं सकता है. उन्होंने रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले लोगों से जमीन लिखवा ली. वह खुद में प्रमाण है इसलिए उनपर कार्रवाई हो रही है. हम लोग कभी फंसाने या बचाने का काम नहीं करते हैं. लालू जी जब 1996 में पहली बार जेल गए था या उन्हें पहली बार सजा हुई थी तब हम लोगों की सरकार नहीं थी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-