पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में समरसता के रंग बिखेर समाज को एक करने का बीड़ा उठाने वाली युवा संगठित शक्ति के रूप में उभरे समरसता सेवा संगठन ने आज इतिहास रच दिया. शहर के इतिहास में ऐसा संभवत: पहली बार हुआ जब सन्यस्त-ग्रहस्थ, अमीर-गरीब, महिला-पुरुष, छोटे-बड़े, बच्चे-बूढ़े का भेद मिटता नजर आया.
सामाजिक सद्भाव व आपसी सौहाद्र के लिए काम कर रहे इस संगठन के अद्भुत होली मिलन का अभूतपूर्व नजारा पूरे शहर में देखने मिला. धुरेड़ी-रंगपंचमी पर देश के विविध शहरों में जितने भी आयोजन होते हैं. उन सभी आयोजनों से कदमताल करता ये आयोजन हर दिल को भा गया. संगठन की अनूठी समरस शोभायात्रा में अपार जनसमूह उमड़ा. छोटा फुहारा से प्रारंभ शोभायात्रा का विराम डीएनजैन कॉलेज मैदान में रंगारंग आयोजनों के साथ हुआ.
इसके पहले शोभायात्रा में पूज्य दंडी स्वामी कालिकानंद, पूज्य जगतगुरू स्वामी बालगोविंदाचार्य, पूज्य जगत गुरू स्वामी राजारामाचार्य, पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज, पूज्य स्वामी चैतन्यानंद, महामंडलेश्वर स्वामी राधे चैतन्य महाराज, स्वामी मुकुंददास महाराज, स्वामी कालीनंद, साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी, महंत राजेश्वर की अगुवाई में शुरू हुई. समरसता संगठन के अध्यक्ष संदीप जैन गुड्डा के साथ विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी और सदस्यों के साथ शोभायात्रा में रंग-गुलाल की फुहारों से पूरा माहौल रंगमय हो गया था.
श्री राम जानकी जी के पूजन से श्री गणेश-
अनूठी सबरंग शोभायात्रा का श्रीगणेश छोटा फुहारा स्थित रामजानकी मंदिर में प्रभु श्रीराम व माता सीता के पूजन-अर्चन के साथ हुआ. पूजन में नगर के सभी संतवृंद उपस्थित थे. वैदिक मंत्रोच्चार और स्वस्ति वाचन के बीच समरसता सेवा संगठन के आध्यक्ष संदीप जैन ने सभी संतों का स्वागत-पूजन किया. फिर सभी को रथ पर आसनस्त कराया. छोटा फुहारा से प्रारंभ शोभायात्रा मिलौनीगंज, तमरहाई, कोतवाली, सराफा, कमानिया, फुहारा, लार्डगंज, सुपर बाजार, श्याम टाकीज होते हुए डीएनजैन कॉलेज पहुंची.
ढाई दर्जन झांकियों ने मन मोहा-
शोभयात्रा में शामिल करीब ढाई दर्जन यात्रियों ने शहरवासियों का मन मोह लिया. इनमें संतों के आधा दर्जन से अधिक रथ, व्रज-वृंदावन-मथुरा आदि की होली के अलावा सामाजिक समरसता, परिवार कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता आदि की झांकियों ने समाज का ध्यान आकृष्ट किया. इसके साथ ही राम-जानकी हनुमान की झांकी, फाग मंडली, भजन मंडली की झांकियों के अलवा बैंड-धमााल, डीजे, दुलदुल घोड़ी, श्याम बैंड मंडली, शेर डांस ग्रुप, पंजाबी ढोल ग्रुप के साथ ही सभी संस्कृतियों के समावेश ने गजब माहौल बनाया. शोभयात्रा मार्ग में आम जन भी शोभायात्रा में शामिल होते गए और ऐतिहासिक होली के साक्षी बने.
सामाजिक समरसता झांकी-
एकांगी परिवार व संयुक्त परिवार की झांकी, समरसता संगठन अंतर्गत इस समाज उपयोगी शोभायात्रा में सबसे ज्यादा प्रभावी झांकी भी थी. जिसमें पहले किस तरह घर में सभी संयुक्त रूप से निवास करते थे. इसके लाभ कैसे सभी को मिलता था इसे बताया गया. वहीं बदलते परिवेश में अब ज्यादातर जगह एकांगी परिवार के दुष्परिणाम किस रूप में सामने आ रहे हैं. इसे बखूबी दिखाने की कोशिश की गई थी. सभी को जागरूक बनाने इस तरह की झांकी प्रस्तुत की गई.
पर्यावरण को संरक्षित करने का संदेश-
वहीं शोभायात्रा में आज के सबसे ज्वलंत मुद्दे जिसमें पर्यावरण को संरक्षित करने की जरूरत है को झांकी के रूप में दिखाया जा रहा था. इसके लाभ और नुकसान को बताया गया था.
स्वच्छता का संदेश देती झांकी-
शोभयात्रा सहित समग्र आयोजन में सेवा के भी नजारे दिखे. शोभायात्रा के पीछे समरसता सेवा संगठन के कार्यकर्ताओं सफाई करते भी चल रहे थे. ये पहली बार देखा गया जब किसी आयोजन के कार्यकर्ता स्वच्छता के प्रति भी तत्पर नजर आए. शोभायात्रा मार्ग की सफाई के साथ ही डीएनजैन मैदान को भी आयोजन के बाद साफ किया गया. सामुदायिक बहुलता की समरसता से जुड़ा मेल-मिलाप के इस आयोजन में जिस तरह से आत्मीय भाव सभी के अंतर्मन में उमड़े उसने जातीय जड़ता को भी ध्वस्त कर प्रेम-भाइचारे का संदेश दिया.
यात्रा मार्ग फूलों से पट गया-
शोभायात्रा मार्ग पर पूरे रास्ते में बने दर्जनों स्वागत मंचों के द्वारा शोभायात्रा में शामिल संतों-महंतों सहित सभीजनों का स्वागत पुष्प वर्षा द्वारा किया जा रहा था. संतों सहित झांकियों में शामिल पात्र और आमजन एक दूसरे पर पुष्प वर्षा कर अनूठी होली खेल रहे थे. शोभयात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए. आकर्षक फाग, राई, कर्मा आदि लोकगीतों ने वातावरण में बरसाना की होली सा माहौल घोल दिया. शोभायात्रा में नगर के प्रबुद्धजन, राजनीतिज्ञ, कला-शिक्षा विद, व्यापारी, चिकित्सक सहित हर वर्ग के लोग शामिल हुए.
डीएनजैन परिसर में समग्र होली-
डीएन जैन महाविद्यालय प्रांगण में शोभायात्रा के समापन पर संस्कृतिक कार्यक्रम परंपरागत राई-फाग की प्रस्तुतियों के साथ फूलों एवं गुलाल के रंग बिखरे. यहां समग्र होली का स्वरूप नजर आया. सुगंधित पुष्, हर्बल गुलाल के साथ परंपरागत व्यंजनों का जायका आगंतुकों को आकर्षित कर रहा था. यहां बड़ी संख्या में बच्चों-बड़ों, महिलाओं की बड़ी संख्या में सहभागिता रही. सभी समाजों की परंपराओं और रीति रिवाजों के दर्शन इस दौरान एक स्थान पर ही हुए.
पारंपरिक व्यंजनों का लुफ्त-
होली महोत्सव में पारंपरिक व्यंजनों को परोसा गया, जिसमें दाल बाटी, बैढऩी पूड़ी, कांजी बड़, फू्रट सलाद, पानी, पुरी, पकौड़ा आलूबंडा, कढ़ी चांवल, ठंडाई, रूफजा इत्यादि शामिल थे.
ये रहे शामिल-
कार्यक्रम में वैश्य महासम्मेलन, नामदेव महिला विकास समिति, जानवी शिक्षा एवं समाज कल्याण, पावर ऑफ वूमेन, नई सोच हमारी कल्पना, क्षत्रिय करणी सेना, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, सर्व मंगला ग्रुप, व्येंकटेश महिला समिति, वृंदा फाउंडेशन, मध्यप्रदेश तैलिक साहू महासभा, भार्गव ब्राह्मण महिला समिति, खंडेलवाल महिला मंडल, ताम्रकार महिला मंडल, संस्कारधानी अयोध्यावासी गुप्ता समाज, चौरसिया सखी संगठन, पटवा समाज, समानता लेडी क्लब द्वारा विभिन्न पारंपरिक व्यंजनों के स्टॉल लगाए गए.
50 संगठनों ने मंच लगाकर किया स्वागत-
स्वागत मंचो में ब्राह्मण समाज, कायस्थ समाज, झरिया समाज, स्वर्णकार समाज, प्रजापति समाज, अग्रवाल समाज, जैन समाज, पंजाबी समाज, सिंधी समाज, ताम्रकार समाज, रजक समाज, केसरवानी समाज, गुप्ता समाज, सुदर्शन समाज, क्षत्रिय समाज, सोनकर समाज, चूड़ी व्यापारी, गांजीपुरा व्यापारी संघ, मालवीय चौक व्यापारी संघ के साथ लगभग 50 संगठनों ने मंच लगाकर स्वागत किया. समरसता सेवा संगठन के अध्यक्ष संदीप जैन सभी आगंतुकों का तिलक-पुष्प वर्षा से स्वागत किया. इस दौरान संतों ने अपने आशीर्वचन से शुभकामनाएं भी प्रेषित कीं.
ये रहे उपस्थित-
इस अवसर पर भाजपा नगर अध्यक्ष रत्नेश सोनकर, ग्रामीण अध्यक्ष राजकुमार पटेल, लेखराज सिंह मुन्ना, रवि गुप्ता, डॉ अखिलेश गुमास्ता, प्रभात साहू, धीरज पटेरिया, अभिजात कृष्ण त्रिपाठी, आशुतोष दीक्षित, अखिल मिश्रा, पंकज दुबे, रजनीश यादव, अभय सिंह ठाकुर, अमरीश मिश्रा, पंकज पांडे, प्रेम अग्रवाल आदि बड़ी संख्या में विशिष्ठ जन उपस्थित थे.