आज का दिनः शुक्रवार, 21 मार्च 2025, कालाष्टमी पर भैरव के दर्शन-पूजन मात्र से क्रूर ग्रहों के कुप्रभाव से छुटकारा मिलता है!

आज का दिनः शुक्रवार, 21 मार्च 2025, कालाष्टमी पर भैरव के दर्शन-पूजन मात्र से क्रूर ग्रहों के कुप्रभाव से छुटकारा मिलता है!

प्रेषित समय :20:16:55 PM / Thu, Mar 20th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 6367472963)
* कालाष्टमी - 22 मार्च 2025, शनिवार
* कृष्ण अष्टमी प्रारम्भ - 04:23, 22 मार्च 2025
* कृष्ण अष्टमी समाप्त - 05:23, 23 मार्च 2025

जिस दिन भगवान शिव भैरव के रूप में प्रकट हुए थे, उसे कालभैरव जयन्ती कहा जाता है. कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान इसे मनाया जाता है. इसलिए हर कृष्ण पक्ष की अष्टमी, कालाष्टमी कहलाती है. 
इस दिन काल भैरव का दर्शन-पूजन सर्व मनोकामना पूर्ण करता है. इस दिन प्रातः पवित्र नदी-सरोवर में स्नान के बाद  पितरों का श्राद्ध-तर्पण करके भैरव पूजा-व्रत करने से तमाम विघ्न समाप्त हो जाते हैं, दीर्घायु प्राप्त होती है.
देवी भक्त कालाष्टमी के दिन काल भैरव के साथ-साथ देवी कालिका की पूजा-अर्चना-व्रत भी करते हैं. भैरव पूजा-आराधना करने से परिवार में सुख-समृद्धि के साथ-साथ स्वास्थ्य रक्षा और अकाल मौत से सुरक्षा भी होती है. 
कालभैरव अष्टमी पर भैरव के दर्शन-पूजन मात्र से अशुभ कर्मों से मुक्ति  मिलती है, क्रूर ग्रहों के कुप्रभाव से छुटकारा मिलता है. 
भोलेनाथ के भैरव स्वरूप की पूजा, उपासना करने वाले शिवभक्तों को भैरवनाथ की पूजा करके अर्घ्य देना चाहिए. 
रात्रि जागरण करके शिव-पार्वती की कथा और भजन-कीर्तन करना चाहिए. भैरव कथा का श्रवण और आरती करनी चाहिए. 
भगवान भैरवनाथ की प्रसन्नता के लिए उनके वाहन श्वान- कुत्ते को भोजन कराना चाहिए. 
इस दिन प्रातः पवित्र नदी-सरोवर में स्नान करके  पितरों का श्राद्ध-तर्पण करके भैरव-पूजा-व्रत करने से सारे विघ्न समाप्त हो जाते हैं, अकाल मृत्यु से रक्षा होकर दीर्घायु प्राप्त होती है!
श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 21 मार्च 2025
* शीतला सप्तमी - शुक्रवार, 21 मार्च 2025
* शीतला सप्तमी पूजा मुहूर्त - 06:35 से 18:44
* शीतला अष्टमी - शनिवार, 22 मार्च 2025
* शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त - 06:34 से 18:44
* सप्तमी तिथि प्रारम्भ - 21 मार्च 2025 को 02:45 बजे
* सप्तमी तिथि समाप्त - 22 मार्च 2025 को 04:23 बजे
* अष्टमी तिथि प्रारम्भ - 22 मार्च 2025 को 04:23 बजे
* अष्टमी तिथि समाप्त - 23 मार्च 2025 को 05:23 बजे
शक सम्वत 1946, विक्रम सम्वत 2081, अमान्त महीना फाल्गुन, पूर्णिमान्त महीना चैत्र, वार शुक्रवार, कृष्ण पक्ष, तिथि सप्तमी - 04:23, (22 मार्च 2025) तक, नक्षत्र ज्येष्ठा - 01:46, (22 मार्च 2025) तक, योग सिद्धि - 18:42 तक, करण विष्टि - 15:38 तक, द्वितीय करण बव - 04:23, (22 मार्च 2025) तक, सूर्य राशि मीन, चन्द्र राशिवृश्चिक - 01:46, (22 मार्च 2025) तक, राहुकाल 11:08 से 12:39, अभिजित मुहूर्त 12:15 से 13:04
शुक्रवार चौघड़िया- 21 मार्च 2025
दिन का चौघड़िया
चर - 06:35 से 08:06
लाभ - 08:06 से 09:37
अमृत - 09:37 से 11:08
काल - 11:08 से 12:39
शुभ - 12:39 से 14:11
रोग - 14:11 से 15:42
उद्वेग - 15:42 से 17:13
चर - 17:13 से 18:44
रात्रि का चौघड़िया
रोग - 18:44 से 20:12
काल - 20:12 से 21:41
लाभ - 21:41 से 23:10
उद्वेग - 23:10 से 00:39
शुभ - 00:39 से 02:08
अमृत - 02:08 से 03:37
चर - 03:37 से 05:05
रोग - 05:05 से 06:34
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का राशिफल -
मेष राशि:- आज  अधिक सोच विचार की अपेक्षा सहजता से कार्य करते रहें. अपनों का सहयोग बना रहेगा. अप्रत्याशित लाभ की संभावना है. सेहत पर ध्यान दें. कम बोलें. दिन सामान्य.

वृष राशि:- आज  निजी मामलों में शुभता का संचार बना रहेगा. दाम्पत्य में मधुरता बढ़ेगी. स्थायी मामले बनेंगे. जीत का प्रतिशत ऊंचा रहेगा. सबका साथ मनोबल बढ़ाएगा. निसंकोच आगे बढ़ें.

मिथुन राशि:- आज  जोखिम लेने से पहले क्षमताओं का उचित मूल्यांकन कर लें. विवादों से दूर रहें. पद प्रतिष्ठा के प्रति संवेदनशील रहें. सेहत पर ध्यान दें. पेशेवर अच्छा करते रहेंगे.

कर्क राशि:- आज प्रेम में शुभता का संचार रहेगा. स्थायित्व को बल मिलेगा. सपरिवार भ्रमण मनोरंजन पर जा सकते हैं. स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पर जोर देंगे. संतान अच्छा करेगी. सहकारिता का महत्व समझें.

सिंह राशि:- आज घर परिवार में त्याग और सामनजस्य का बड़ा महत्व है. अकारण असहजता बनी रह सकती है. बड़ों की सुनें. स्वार्थ एवं पूर्वाग्रह से बचें. दिन सामान्य फलकारक. सफेदपोश ठगों से बचें.

कन्या राशि:- आज  शुभ सूचना की प्राप्ति हो सकती है. शिक्षा प्रेम और संतान पक्ष हितकर रहेगा. आलस्य से बचें. संपर्कों पर जोर दें. बंधुजनों से करीबी बढ़ेगी. दिन हित संवर्धक. अनुकूलता का लाभ उठाएं.

तुला राशि:- आज सपरिवार भ्रमण मनोरंजन पर जा सकते हैं. हर्षोल्लास से समय बीतेगा. शुभ कार्यों में शामिल होने के अवसर बनेंगे. दिन उत्तम फलकारक. वाणी व्यवहार मधुर होंगे.

वृश्चिक राशि:- आज  चहुंओर सफलता के संकेत हैं. आर्थिक मजबूती और प्रभावशीलता कार्यों में सहायक होगी. निजी जीवन खुशहाल रहेगा. आगामी कुछ दिन व्यक्तिगत प्रयासों को बल देने वाले.

धनु राशि:- आज यात्रा की अधिकता बनी रह सकती है. शुभ कार्यों में बजट से अधिक खर्च कर सकते हैं. रिश्तों में मधुरता बढ़ेगी. आडंबर करने वालों से दूरी रखें. दिन सामान्य शुभ.

मकर राशि:- आज  आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हुई रहेंगी. अच्छे लाभ के साथ संग्रह पर जोर दें. बहुमुखी प्रतिभा के प्रदर्शन से धन और यश दोनों प्राप्त कर सकते हैं. दिन हितकारक.

कुम्भ राशि:- आज महत्वपूर्ण मामलों में सक्रियता दिखाने का समय है. उन्नति के अवसर बने रहेंगे. मान सम्मान में वृद्धि होगी. पेशेवरता पर जोर दें. दिन श्रेष्ठ फलकारक. बड़ों की सुनें.

मीन राशि:- आज  भाग्य की बुलंदी का लाभ उठाएं. चहुंओर सफलता के संकेत हैं. भ्रमण मनोरंजन में रुचि रहेगी. भेंटवार्ताओं में प्रभावी रहेंगे. मनोबल ऊंचा रहेगा. दिन श्रेष्ठ.
 * आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-