MP: जबलपुर में 30 करोड़ का धान घोटाला: 74 लोगों पर एफआईआर, सरकारी कर्मचारी भी शामिल

जबलपुर में 30 करोड़ का धान घोटाला: 74 लोगों पर एफआईआर

प्रेषित समय :18:32:43 PM / Fri, Mar 21st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में धान खरीदी, परिवहन और मिलिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, इस मामले में जिला प्रशासन ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 12 थानों में 74 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, यह कार्रवाई कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर की गई.

जांच में पता चला कि धान का परिवहन दिखाने के लिए ट्रकों की जगह कार, बस और अन्य छोटे वाहनों के नंबर इस्तेमाल किए गए, यहां तक कि तमिलनाडु और महाराष्ट्र में चल रही गाडिय़ों को भी दस्तावेजों में परिवहन करते हुए दिखाया गया, जांच समिति ने एनएचएआई के टोल नाकों से ट्रकों की मूवमेंट डिटेल निकाली, जिससे खुलासा हुआ कि जिन ट्रकों को धान परिवहन में दिखाया गया, वे असल में वहां से गुजरे ही नहीं. फर्जी दस्तावेजों के जरिए 17 राइस मिलर्स ने 14,000 टन धान का उठाव दिखाया, जबकि भौतिक रूप से यह धान मौजूद नहीं था.

इन-इन पर हुई कार्रवाई

इस घोटाले में शामिल सरकारी कर्मचारियों, मिलर्स और दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है- 17 राइस मिलर्स जिन्होंने धान उठाने की फर्जी एंट्री करवाई, मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन के 13 अधिकारी जो इस घोटाले में शामिल थे, 25 सोसायटियों के 44 कर्मचारी, जिनमें उपार्जन केंद्र प्रबंधक, कंप्यूटर ऑपरेटर और वेयरहाउस संचालक शामिल हैं. स्थानीय दलालों ने मिलर्स और सरकारी अधिकारियों के बीच सौदे करवाए और प्रति बोरी धान पर 1,000 रुपये का कमीशन लिया.

ऐसे किया गया फर्जीवाड़ा

उपार्जन केंद्रों पर ऑनलाइन पोर्टल में धान खरीदी दिखा दी गई, लेकिन भौतिक रूप से धान था ही नहीं, ट्रकों के बजाय कार, बस और ट्रैक्टर के नंबर दर्ज कर परिवहन दिखाया गया,नागरिक आपूर्ति निगम को फर्जी ट्रकों की जानकारी भेजी गई, जिनमें असल में धान लोड नहीं था, दूसरे जिलों के मिलर्स को जबलपुर बुलाकर दलालों ने सेटिंग करवाई और सरकारी बाबुओं को मोटा कमीशन मिला.

छापेमारी के  बाद फरार आरोपी

जैसे ही प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की, कई आरोपी फरार हो गए. मिलर्स, सोसायटी प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटरों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए. पुलिस उनकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है.

आगे और होगा बड़ा एक्शन

प्रशासन अब इस घोटाले के हर पहलू की गहन जांच कर रहा है, कई और अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता की गोपनीय जांच चल रही है, इस कार्रवाई से साफ हो गया है कि जबलपुर में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. कलेक्टर दीपक सक्सेना और एसडीएम शिवाली सिंह ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. इस घोटाले से प्रदेश में सरकारी खरीद प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं, लेकिन प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि, आगे ऐसे घोटाले रोके जा सकेंगे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-