नई दिल्ली. देश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को परिसर में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगानी होंगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी शिक्षण संस्थानों को कैंपस में मासिक धर्म स्वच्छता में सुधार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. उच्च शिक्षा संस्थानों को 25 मार्च तक रिपोर्ट देनी होगी.
यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी की ओर से राज्यों और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखे पत्र में कहा गया कि संस्थानों के कैंपस में इंसीनरेटर (अपशिष्ट पदार्थों को जलाने के लिए) लगाएं जाएं. इस कवायद का उद्देश्य मासिक धर्म स्वच्छता को बढ़ावा देना और शिक्षण संस्थानों में महिलाओं के लिए सुविधाजनक वातावरण तैयार करना है. इससे महिलाएं शैक्षणिक और सामाजिक गतिविधियों में बिना परेशानी पूर्ण भागीदारी निभा सकेंगी.
बिना इजाजत डिग्री देने वालों पर शिकंजा
यूजीसी ने बिना अनुमति डिग्री कार्यक्रम की पढ़ाई कराने वाले शिक्षण संस्थानों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. यूजीसी की ओर से जारी सूचना में कहा गया कि किसी को भी शिक्षण संस्थानों में अनुमति के बगैर डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई कराए जाने की जानकारी मिलती है तो इसकी सूचना दें. आयोग ने छात्रों और अभिभावकों से उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले से पहले अनुमति जांचने का आग्रह किया है. राज्य अधिनियम और केंद्रीय अधिनियम या प्रांतीय अधिनियम के तहत स्थापित या यूजीसी अधिनियम 1956 के तहत स्थापित शिक्षण संस्थान ही अनुमति के बाद डिग्री प्रदान करने के लिए अधिकृत हैं. यूजीसी को जानकारी मिली है कि कई संस्थान प्रावधानों के विपरीत डिग्री प्रदान कर रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-