आज का दिन- मंगलवार, 25 मार्च 2025, पापों को नष्ट करनेवाली.... पापमोचनी एकादशी

आज का दिन- मंगलवार, 25 मार्च 2025, पापों को नष्ट करनेवाली.... पापमोचनी एकादशी

प्रेषित समय :20:05:06 PM / Mon, Mar 24th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
* पापमोचनी एकादशी - मंगलवार, 25 मार्च 2025
* पारण का समय - 13:51 से 16:19, 26 मार्च 2025
* पारण के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय - 09:14
* एकादशी तिथि प्रारम्भ - 25 मार्च 2025 को 05:05 बजे
* एकादशी तिथि समाप्त - 26 मार्च 2025  को 03:45 बजे

* विष्णुदेव की आराधना के लिए नियमित रूप से किए जाने वाले व्रतों में एकादशी का सर्वाधिक महत्व है.
* भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए यह व्रत किया जाता है.
* एक वर्ष में कुल चौबीस एकादशी होती है, लेकिन जिस वर्ष अधिक मास होता है उस वर्ष कुल छब्बीस एकादशी होती है.
* सभी एकादशी अलग-अलग नामों से जानी जाती है तथा इनका अलग-अलग महत्व भी होता है.
* एकादशी व्रत के दिन भोजन नहीं किया जाता है, चाहे तो फलाहार ग्रहण कर सकते हैं.
* प्रात: पवित्र स्नान के बाद देव पूजा करनी चाहिए और दिन भर यथा सम्भव- ऊँ नमो नारायणाय, का जाप करना चाहिए.
* एकादशी व्रत करने से मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर होते हैं.
* कम-से-कम एक वर्ष पूरा होने पर एकादशी व्रत का उद्यापन करना चाहिए.
* जीवन में भोग और मोक्ष की एक साथ प्राप्ति के लिए श्रीविष्णु आराधना श्रेष्ठ है. 
तिथि को लेकर भ्रमित नहीं हों, विवेक से निर्णय करें...
* तिथि को लेकर अक्सर लोग परेशान हो जाते हैं क्योंकि एक तो तिथि शुरू होने और समाप्त होने का कोई निश्चित समय नहीं होता है तो दूसरा तिथियों में कमी-बढ़ोतरी होती रहती हैं. कौन सी तिथि मानी जाए, खासकर व्रत-त्योहार को लेकर, इस पर मतैक्य नहीं रहता है!
* देश में कम-से-कम दो अलग तरह के पंचांग प्रचलन में हैं जिनमें महीने के सापेक्ष एक पक्ष तो कॉमन रहता है लेकिन दूसरे पक्ष का महीना अलग अलग रहता है. एक पंचांग का महीना अमावस समाप्त होने के बाद शुरू होता है तो दूसरे पंचांग का वही महीना पूर्णिमा समाप्त होने के बाद शुरू होता है.
* तिथियों में, कोई सूर्योदय के समय जो तिथि प्रभावी हो उसे मानता है तो कोई दिनभर में जो तिथि प्रभावी हो उसे मानता है.
* कौन सी तिथि पर व्रत पूजा की जाए? इसे लेकर विवेक से कार्य करना बेहतर है!
* प्रदोष जैसे व्रत में, जहां रात्रि के समय का महत्व है, के लिए प्रदोष काल की प्रभावी तिथि को महत्व दिया जाना चाहिए तो दिन में की  जाने वाली पूजा के लिए दिन में प्रभावी तिथि को महत्व देना चाहिए. 
* तिथियों की समय की गणित के चलते कई बार एकादशी व्रत दो दिन तक चलता है. 
* तिथि का मूल उद्देश्य उस व्रत-पूजा काल की गणना के सापेक्ष कार्य करना है इसलिए तिथि को लेकर ज्यादा भ्रम नहीं पालें, सच्चे मन से किए गए व्रत-पूजन में तिथि अंश भी मिल जाए तो व्रत-पूजा सार्थक है! 
* वैसे तिथि निर्धारण में स्थानीय धर्मगुरु और कुल परंपराओं के अनुरूप निर्णय लेना उत्तम रहता है! 
* कामयाबी के लिए नियमित रूप से विष्णुदेव की पूजा करें-
अच्युतम केशवम रामनारायणम, कृष्ण दामोदरम् वासुदेवम् हरे.
श्रीधरम् माधवम् गोपिकावल्लभम, जानकी नायकम श्रीरामचन्द्रम् भजे..

श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 25 मार्च 2025

शक सम्वत1946, विक्रम सम्वत 2081, अमान्त महीना फाल्गुन, पूर्णिमान्त महीना चैत्र, वार मंगलवार, कृष्ण पक्ष, तिथि एकादशी - 03:45, (26 मार्च 2025) तक, नक्षत्र श्रवण - 03:49, (26 मार्च 2025) तक, योग शिव - 14:53 तक, करण बव - 16:30 तक, द्वितीय करण बालव - 03:45, (26 मार्च 2025) तक, सूर्य राशि मीन, चन्द्र राशि मकर, राहुकाल15:42 से 17:13, अभिजित मुहूर्त 12:14 से 13:03
मंगलवार चौघड़िया- 25 मार्च 2025, 
दिन का चौघड़िया

रोग - 06:31 से 08:03
उद्वेग - 08:03 से 09:35
चर - 09:35 से 11:07
लाभ - 11:07 से 12:38
अमृत - 12:38 से 14:10
काल - 14:10 से 15:42
शुभ - 15:42 से 17:13
रोग - 17:13 से 18:45
रात्रि का चौघड़िया
काल - 18:45 से 20:13
लाभ - 20:13 से 21:41
उद्वेग - 21:41 से 23:10
शुभ - 23:10 से 00:38
अमृत - 00:38 से 02:06
चर - 02:06 से 03:34
रोग - 03:34 से 05:02
काल - 05:02 से 06:30
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का राशिफल -

मेष राशि:- कार्यस्‍थल पर सुधार व परिवर्तन हो सकता है.व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे. नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा. सुख के साधनों की प्राप्ति की कोशिशें कामयाब रहेंगी. नए काम हाथ में आएंगे. धन प्राप्ति सुगम होगी. निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें. स्वास्‍थ्य का ध्यान रखें.

वृष राशि:- धर्म-कर्म में रुचि रहेगी. सत्संग का लाभ मिलेगा. नए मित्र बनेंगे. कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे. लाभ के अवसर अवसर बढ़ेंगे. समस्याएं कम होंगी. मान-सम्मान मिलेगा. मित्र व रिश्तेदारों से संबंध सुधरेंगे. बुद्धि का प्रयोग करें. व्यापार-व्यवसाय व नौकरी से अनुकूलता बनी रहेगी.

मिथुन राशि:- चोट व दुर्घटना से हानि की आशंका बनती है. आशंका-कुशंका के चलते कार्य प्रभावित होंगे. स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा. विवाद को बढ़ावा न दें. झंझटों से दूर रहें. कीमती वस्तुएं संभालकर रखें. आर्थिक परेशानी आ सकती है. आय में निश्चितता रहेगी. जोखिम न लें.

कर्क राशि:- प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी. कोर्ट व कचहरी के कामों की रुकावट दूर होगी. स्थिति मनोनुकूल रहेगी. कारोबार में लाभ वृद्धि होगी. नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे. घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी. निवेश में लाभ होगा. घर में सभी सदस्य आनंदपूर्वक रहेंगे. दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें.

सिंह राशि:- भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी. कोई बड़ा सौदा बड़ा लाभ दे सकता है. व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा. नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा. बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे. किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होगा. जल्दबाजी न करें.

कन्या राशि:- विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा. किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा. यात्रा मनोरंजक रहेगी. कारोबार से लाभ होगा. उत्साह व प्रसन्नता रहेगी

तुला राशि:- वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें. अकारण क्रोध व उत्तेजना रह सकते हैं. बेवजह किसी से विवाद हो सकता है. बुरी खबर मिल सकती है. स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा. काम में मन नहीं लगेगा. मन में संवेदनशीलता अधिक रहेगी. आय में निश्चितता रहेगी. भागदौड़ रहेगी. जोखिम न उठाएं.

वृश्चिक राशि:- मेहनत का पूरा-पूरा फल मिलेगा. काम में उत्साह व प्रसन्नता से ध्यान दे पाएंगे. वाद-विवाद से अपना पक्ष मजबूत कर पाएंगे. मित्रों का सहयोग कर पाएंगे. सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा. नौकरी में प्रभाव क्षेत्र बढ़ेगा. निवेश में जल्दबाजी न करें.

धनु राशि:- चोट व रोग से बचें. जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा. उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी. भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी. आत्मसम्मान बना रहेगा. जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे. आय में वृद्धि होगी. नए मित्र बनेंगे. जीवन सुखमय व्यतीत होगा. प्रसन्नता बनी रहेगी.

मकर राशि:- रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे. भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी. व्यापार-व्यापार अच्‍छा चलेगा. निवेश शुभ रहेगा. नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं. व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी. प्रसन्नता तथा उत्साह में वृद्धि होगी. जोखिम न लें. प्रमाद से बचें.

कुम्भ राशि:- फालतू खर्च होगा. लाभ के अवसर टलेंगे. दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं. चोट व रोग से बचें. जोखिम व जमानत के कार्य टालें. कीमती वस्तुएं संभालकर रखें. किसी व्यक्ति से व्यर्थ में विवाद हो सकता है. सम्मान को ठेस पहुंच सकती है. व्यवसाय ठीक चलेगा.

मीन राशि:- व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी. रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है. कारोबार में वृद्धि के योग हैं. नौकरी में अमन-चैन रहेगा. अधिकारी प्रसन्न रहेंगे.

 * आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-