नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित सम्मेलन में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने फिर से पुष्टि की कि भारत का प्रतिद्वंद्वी पश्चिमी सीमाओं पर छद्म युद्ध जारी रखे हुए है. साथ ही उन्होंने सीमा पार आतंकवाद का दृढ़ता से जवाब देने के लिए भारतीय सेना की सराहना की.
सेना कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निपटने में सेना व अन्य सुरक्षा बलों के बीच समन्वय की सराहना की. उन्होंने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खतरे से निपटने में सीएपीएफ/पुलिस बलों व सेना के बीच उत्कृष्ट तालमेल की सराहना करता हूं. केंद्र शासित प्रदेश में समन्वित अभियान क्षेत्र में स्थिरता बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं और इसे जारी रखना चाहिए.
वर्ष में दो बार आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में सुरक्षा चुनौतियों, सीमा की स्थिति, आंतरिक सुरक्षा व संगठनात्मक परिवर्तनों का आकलन करने के लिए शीर्ष सैन्य नेतृत्व एकत्रित होता है. इसमे आधुनिकीकरण, रसद, प्रशासन व वैश्विक सुरक्षा विकास के प्रभाव पर भी चर्चा की गई.
सुधारों के वर्ष पर एक ब्रीफिंग के बाद उनका संबोधन तीसरे दिन का मुख्य आकर्षण था. सिंह ने देश के सबसे भरोसेमंद संस्थानों में से एक के रूप में भारतीय सेना की भूमिका पर जोर दिया और सीमाओं की सुरक्षा, आतंकवाद से निपटने व नागरिक अधिकारियों की सहायता करने में इसके प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि सेना हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
सुरक्षा व आपदा राहत से लेकर चिकित्सा सहायता और राष्ट्रीय स्थिरता बनाए रखने तक. राष्ट्र निर्माण व समग्र विकास में इसका योगदान अमूल्य है. उन्नत प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने में सेना के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए इसके नेतृत्व की सराहना की. उन्होंने युद्ध की बदलती प्रकृति पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि हाइब्रिड युद्ध सहित अपरंपरागत और विषम युद्धए भविष्य के संघर्षों का अभिन्न अंग होगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-