वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने देर रात भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ (रेसिप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ) लगाने की घोषणा की है. ट्रम्प ने कहा कि भारत बहुत सख्त है. मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं लेकिन हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं.
भारत अमेरिका पर 52 प्रतिशत तक टैरिफ लगाता है, इसलिए अमेरिका भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा. अन्य देश हमसे जितना टैरिफ वसूल रहे हम उनसे लगभग आधे टैरिफ लेंगे. इसलिए टैरिफ पूरी तरह से रेसिप्रोकल नहीं होंगे. मैं ऐसा कर सकता था लेकिन यह बहुत से देशों के लिए कठिन होता, हम ऐसा नहीं करना चाहते थे. भारत के अलावा चीन पर 34 प्रतिशत, यूरोपीय यूनियन पर 20 प्रतिशत, साउथ कोरिया पर 25प्रतिशत, जापान पर 24 प्रतिशत, वियतनाम पर 46 प्रतिशत व ताइवान पर 32 प्रतिशत टैरिफ लगेगा.
अमेरिका ने करीब 60 देशों पर उनके टैरिफ की तुलना में आधा टैरिफ लगाने का फैसला किया है. इसके अलावा दूसरे देशों से अमेरिकी में आने वाले सभी सामान पर 10 प्रतिशत बेसलाइन न्यूनतमद्ध टैरिफ लगेगा. बेसलाइन टैरिफ 5 अप्रैल को व रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल को रात 12 बजे के बाद लागू होंगे. बेसलाइन टैरिफ व्यापार के सामान्य नियमों के तहत आयात पर लगाया जाता है जबकि रेसिप्रोकल टैरिफ किसी अन्य देश के टैरिफ के जवाब में लगाया जाता है.
ऑटो सेक्टर में 25 प्रतिशत टैरिफ-
अमेरिका विदेशों में बनने वाले वाहनों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा. अब तक अमेरिका अन्य देशों से मोटरसाइकिलों पर केवल 2.4 प्रतिशत टैरिफ वसूलता था. जबकि भारत 60 प्रतिशत, वियतनाम 70 प्रतिशत व अन्य देश इससे भी अधिक कीमत वसूल रहे हैं. इन्होंने अमेरिका को 50 वर्षों तक लूटा लेकिन यह आज समाप्त होगा.
कनाडा के डेयरी टैरिफ अनुचित-
कनाडा का डेयरी टैरिफ हमारे किसानों के लिए उचित नहीं है. अमेरिका कनाडा व मेक्सिको जैसे देशों को उनके उद्योगों को बनाए रखने में मदद करने के लिए सब्सिडी देता है. हम अपने महान किसानों और पशुपालकों के लिए भी खड़े हैं, जिनके साथ दुनियाभर के देश क्रूरता करते हैं.
टैरिफ से बचने के लिए अमेरिका में बनाएं प्रोडक्ट-
अमेरिका टैरिफ के मामले में अब बराबरी का जवाब देगा. जो देश अमेरिकी बाजार तक पहुंच चाहते हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी. अगर कोई भी कंपनी टैरिफ से छूट चाहती है तो उसे अमेरिका में अपना प्रोडेक्ट बनाना होगा. टैरिफ से अमेरिका का विकास होगा.
नौकरियां और कारखाने अमेरिका लौटेंगे-
कई देशों ने अमेरिकी बाजार का फायदा लेकर खुद को समृद्ध बनाया लेकिन अमेरिकी सामान के लिए अपने बाजार में सख्ती लगा दी. अब अमेरिका भी अपने फायदे के बारे में सोचेगा. अब नौकरियां और कारखाने अमेरिका में वापस आएंगे.
अमेरिका सबसे अमीर देश बनेगा-
अमेरिका दुनिया के किसी भी देश से अधिक अमीर होगा. आज हम अमेरिकी वर्कर के लिए खड़े हो रहे हैं. आखिरकार हम अमेरिका फस्र्ट को लागू कर रहे हैं. हम वास्तव में बहुत धनवान हो सकते हैं. हम इतने अधिक धनवान हो सकते हैं कि यह अविश्वसनीय लगे, लेकिन अब हम समझदार हो रहे हैं.
अमेरिका की आर्थिक आजादी का दिन-
आज का दिन अमेरिका के लिए आर्थिक आजादी का है. हमें अमेरिका को फिर से महान बनाना है. हम रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान कर रहे हैं यानी जो देश हम पर जैसा शुल्क लगा रहा है हम भी उनके साथ वैसा ही करेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-