एक्टर-डायरेक्टर मनोज कुमार का निधन, लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर उपकार बनाई

एक्टर-डायरेक्टर मनोज कुमार का निधन, लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर उपकार बनाई

प्रेषित समय :12:43:42 PM / Fri, Apr 4th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

मुंबई. एक्टर मनोज कुमार का शुक्रवार सुबह मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में निधन हो गया. वे 87 साल के थे. वे विशेष रूप से अपनी देशभक्ति फिल्मों के लिए जाने जाते थे. उन्हें भारत कुमार के नाम से भी जाना जाता था. उपकार, पूरब-पश्चिम, क्रांति, रोटी-कपड़ा और मकान उनकी बेहद कामयाब फिल्में रहीं.

मनोज कुमार के बेटे कुणाल गोस्वामी ने बताया, 'उन्हें लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां थीं. यह भगवान की कृपा है कि उन्हें आखिरी समय में ज्यादा परेशानी नहीं हुई, शांतिपूर्वक उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उनका अंतिम संस्कार कल सुबह 11 बजे मुंबई के पवनहंस श्मशान घाट पर होगा. मनोज कुमार काफी समय से लिवर सिरोसिस से जूझ रहे थे. उनकी हालत बिगडऩे के बाद उन्हें 21 फरवरी 2025 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

मनोज कुमार को 7 फिल्म फेयर पुरस्कार मिले थे. पहला फिल्म फेयर 1968 में फिल्म उपकार के लिए मिला था. उपकार ने बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्टोरी और बेस्ट डायलॉग के लिए चार फिल्म फेयर जीते. 1992 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया. 2016 में उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया.

मोदी ने लिखा- मनोज जी ने राष्ट्रीय गौरव को उभारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनोज कुमार को श्रद्धांजलि दी है. पीएम ने 'एक्स' पर लिखा: 'महान अभिनेता और फिल्म निर्माता श्री मनोज कुमार जी के निधन से बहुत दुख हुआ. वह भारतीय सिनेमा के प्रतीक थे, जिन्हें विशेष रूप से उनकी देशभक्ति के उत्साह के लिए याद किया जाता था, जो उनकी फिल्मों में भी झलकता था. मनोज जी के कार्यों ने राष्ट्रीय गौरव की भावना को प्रज्ज्वलित किया और यह पीढिय़ों को प्रेरित करता रहेगा. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति.'

मां को इलाज नहीं मिला तो डॉक्टरों की पिटाई की

मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गोस्वामी था. 24 जुलाई 1937 को एबटाबाद, ब्रिटिश इंडिया (अब खैबर पख्तूनख्वा, पाकिस्तान) में उनका जन्म हुआ. एबटाबाद वही जगह है, जहां 2 मई 2011 को अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को मारा था. मनोज कुमार जब 10 साल के थे तब 1947 में उनके छोटे भाई कुक्कू का जन्म हुआ. तबीयत बिगडऩे पर 2 माह के भाई और मां को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था कि तभी दंगे भड़क गए. हर तरफ अफरा-तफरी मची और अस्पताल का स्टाफ जान बचाकर भागने लगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-