दिल्ली HC ने बीजेपी नेता शाजिया इल्मी पर 25000 का जुर्माना लगाया, गरिमा को ठेस पहुंचाने का दावा भी खारिज

दिल्ली HC ने बीजेपी नेता शाजिया इल्मी पर 25000 का जुर्माना लगाया

प्रेषित समय :17:36:44 PM / Fri, Apr 4th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट ने बीजेपी नेता शाजिया इल्मी पर मानहानि के मुकदमे में तथ्य छिपाने के लिए 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. अदालत ने कहा इल्मी का यह आरोप कि पत्रकार विकृत और कामुक है, उचित नहीं है. दरअसल, शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट भाजपा नेता शाजिया इल्मी के मानहानि को लेकर दायर किए गए मुकदमे पर सुनवाई कर रहा था.

यह मुकदमा भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने पत्रकार राजदीप सरदेसाई के खिलाफ सोशल मीडिया साइट एक्स पर उनकी टिप्पणियों को लेकर दायर किया था. मामला इंडिया टुडे चैनल पर एक डिबेट शो के दौरान कार्यक्रम छोड़ने के बाद रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो से संबंधित था. सरदेसाई इस शो के होस्ट थे. इस विवाद की शुरुआत 26 जुलाई, 2024 को इंडिया टुडे चैनल पर सरदेसाई द्वारा आयोजित एक बहस के बाद हुई. इस शो में सरदेसाई और इल्मी के बीच तब झड़प हुई जब उन्होंने मेजर जनरल (रिटायर्ड) यश मोर द्वारा अग्निपथ योजना में कमियों की ओर इशारा किए जाने पर हस्तक्षेप करने की कोशिश की.

लाइव डिबेट में हुआ था विवाद

शुक्रवार को इसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा जब इल्मी ने हस्तक्षेप किया तो सरदेसाई ने कहा कि पूर्व जनरल योजना से जुड़े तथ्य सामने रख रहे थे. इस पर इल्मी ने जवाब दिया कि उपदेश मत दो. सरदेसाई और इल्मी के बीच कई मिनट तक तीखी बहस हुई, जिसके बाद इल्मी शो छोड़कर चली गईं. उसी रात इल्मी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक ट्वीट पोस्ट किया, जिसमें सरदेसाई पर शो में उनका फीड (वॉल्यूम) कम करने का आरोप लगाया. इल्मी ने लिखा, याद रखें कि मैं दोनों पक्षों में रही हूं और जानती हूं कि आप जैसे गुंडों से कैसे निपटना है. वैसे पत्रकारों के वेश में राजनीतिक प्रचारकों को उपदेश देना शोभा नहीं देता.

अगली सुबह सरदेसाई ने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया. इसमें इल्मी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपने घर पर मौजूद इंडिया टुडे के वीडियो पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार किया. उन्होंने लिखा, आपके लिए माइक फेंकना और हमारे जर्नलिस्ट को गाली देना और उसे अपने घर से बाहर निकालना कतई उचित नहीं है. वह सिर्फ अपना काम कर रहा था. बुरे व्यवहार के लिए कोई बहाना नहीं है. बाकी मैं आप पर छोड़ता हूं.

जस्टिस मनमीत प्रीत सिंह अरोड़ा ने लगाया जुर्माना

दूसरी ओर, इल्मी ने आरोप लगाया कि उनकी निजता का उल्लंघन किया गया. इंडिया टुडे के वीडियो पत्रकार ने उनके शो से बाहर जाने के बाद भी वीडियो शूट करना जारी रखा. इसके बाद उन्होंने कोर्ट का रुख किया. अगस्त 2024 में कोर्ट ने सरदेसाई को उनके द्वारा अपने व्यक्तिगत अकाउंट पर अपलोड किए गए वीडियो को हटाने का निर्देश दिया. दिल्ली हाईकोर्ट में शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने याचिका में कुछ ट्वीट्स को छिपाने को लेकर भाजपा नेता शाजिया इल्मी पर 25000 रुपए का जुर्माना लगाया. अदालत ने कहा, चूंकि वादी ने जानबूझकर दो ट्वीट को दबा दिया था. जो उसी बातचीत का हिस्सा थे. इसलिए वादी को दिल्ली हाई कोर्ट बार क्लर्क एसोसिएशन को तीन सप्ताह के अंदर सचिव के माध्यम से 25000 रुपए का भुगतान करना होगा.

शुक्रवार को कोर्ट ने पहले के एक अंतरिम आदेश की पुष्टि की. इसमें 18 सेकंड की एक वीडियो क्लिप हटाने के निर्देश दिए गए थे. इस वीडियो क्लिप में इल्मी और एक पत्रकार के बीच विवाद दिखाया गया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने तर्क दिया कि वीडियो रिकॉर्डिंग इल्मी के शो से बाहर चले जाने के बाद भी जारी रही. यह उनके निजता के अधिकार का उल्लंघन करती है और इसे ऑनलाइन नहीं रखा जा सकता.

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, वादी का यह तर्क कि लाइव बहस से हटने और शूटिंग फ्रेम से बाहर जाने के 18 सेकंड बाद वीडियो को रिकॉर्ड करना और प्रकाशित करना उसकी निजता के अधिकार का उल्लंघन है. इस मामले के तथ्यों के आधार पर यह साबित होता है. इसलिए मुकदमे के निपटारे तक संबन्धित वीडियो को हटाने का निर्देश देने वाले 13 अगस्त 2024 के आदेश की पुष्टि की जाती है.

गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला दावा हाईकोर्ट ने किया खारिज

हालांकि कोर्ट ने शाजिया इल्मी के इस आरोप को खारिज कर दिया कि वीडियो पत्रकार ने अपने कामों से उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा वादी शाजिया इल्मी का यह कहना उचित नहीं है कि पत्रकार एक विकृत और कामुक व्यक्ति है. वीडियो के पहले 22 सेकंड के संबंध में वादी का यह आरोप कि यह उसकी शील भंग करता है, बाद में सोचा गया एक विचार है. सबसे पहले वादी ने छिपाए गए ट्वीट नंबर 1 में उक्त शिकायत पर आपत्ति नहीं जताई, जिसे लाइव बहस के ठीक बाद प्रकाशित किया गया था. दूसरी बात यह कि उक्त वीडियो फुटेज को लाइव बहस की तारीख के साथ नेशनल टेलीविजन पर प्रसारित किया गया था.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-