पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच ने जमीन से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए सिंगरौली में पदस्थ चतुर्थ जिला जज दिनेश कुमार शर्मा के कार्यों की जांच करने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने सिंगरौली प्रधान जिला जज को यह भी कहा है कि पिछले पांच वर्षो में दिनेश शर्मा जहां-जहां पदस्थ रहे हैं. उनकी वहां की फाइलों की सूक्ष्मता से जांच कर तीन माह में रिपोर्ट पेश करें. सिंगरौली निवासी मंगल शरण ने हाईकोर्ट में जमीन अधिग्रहण को लेकर याचिका दायर की थी.
सिंगरौली निवासी याचिकाकर्ता मंगल शरण की जमीन का वर्ष 2019-20 में अधिग्रहण किया गया था. जिला प्रशासन ने नोटिस भी जारी किया था. मुआवजे के लिए मंगल शरण ने धारा 64 के तहत देवसर कोर्ट में आवेदन पेश किया था. याचिकाकर्ता के अनुसार जिस जमीन व मकान का अधिग्रहण किया गया है, वह डायवर्टेड जमीन है. उसी हिसाब से मुआवजा दिया जाना चाहिए. मुआवजा आवेदन में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया था. याचिकाकर्ता ने नियम के अनुसार कलेक्टर को आवेदन दिया था.
जिस पर 30 दिन के भीतर विचार करते हुए संबंधित अधिकृत अधिकारी को रिफरेंस के लिए भेजा था. एडवोकेट नित्यानंद मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने समय से आवेदन दिया था. लेकिन कलेक्टर ने जब उस पर कार्रवाई नहीं की तो सम्यक प्राधिकारी की कोर्ट में मामला दायर किया गया. चतुर्थ जिला जज दिनेश कुमार शर्मा ने यह कहते हुए मंगल शरण का आवेदन निरस्त कर दिया कि यह मामला सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि कलेक्टर ने रिफरेंस नहीं भेजा है. याचिकाकर्ता ने चतुर्थ जिला जज के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. जिस पर जस्टिस विवेक अग्रवाल की कोर्ट ने याचिका का पटाक्षेप करते हुए पुन सुनवाई करने और जिला जज को विधि अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए. जमीन संबंधित मामले पर सुनवाई के बाद जस्टिस विवेक अग्रवाल की कोर्ट ने मुआवजे को लेकर गलत आदेश पारित करने वाले देवसर जिला सिंगरौली के चतुर्थ जिला जज दिनेश कुमार शर्मा के कार्यो की जांच करने के निर्देश भी दिए हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-