अभिमनोज
वर्ष 2013 में एक व्यक्ति ने फाइनेंस कंपनी से कर्ज लेकर एक ट्रैक्टर खरीदा, लोन देने वाली कंपनी और व्यक्ति के बीच ऋण को लेकर हुए समझौते पर विवाद हो गया, इसलिए कर्जदार व्यक्ति जब कंपनी के 25,716 रुपये नहीं चुरा पाया, तो कंपनी ने उस व्यक्ति का ट्रैक्टर जब्त कर लिया, इस एक्शन पर कर्जदार व्यक्ति ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराईं.
खबर है कि.... इस पर फोरम ने बकाया ऋण 25 हजार चुकाने पर ट्रैक्टर का पंजीकरण प्रमाण पत्र शिकायतकर्ता को सौंपने का निर्देश दिया, लेकिन जब याचिकाकर्ता ने निर्देश नहीं माना तो उपभोक्ता फोरम ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया.
खबरों की मानें तो.... इस वारंट के खिलाफ वह व्यक्ति हाईकोर्ट पहुंचा, जहां अदालत ने उपभोक्ता फोरम के आदेश पर रोक लगा दी.
खबरों पर भरोसा करें तो.... इस मामले में जस्टिस सुव्रा घोष ने सुनवाई के दौरान कहा कि- कानून, उपभोक्ता फोरम को आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अधिकार नहीं देता है.
इसके बाद जस्टिस घोष ने याचिकाकर्ता के खिलाफ जारी वारंट को निरस्त कर दिया!
कलकत्ता हाईकोर्ट: उपभोक्ता फोरम गिरफ्तारी का वारंट जारी नहीं कर सकता है!

प्रेषित समय :21:09:53 PM / Mon, Apr 7th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर