वॉशिंगटन. अमेरिका में निर्वासन (डिपोर्ट) आदेशों के बावजूद देश न छोडऩे वाले प्रवासियों पर भारी जुर्माना लगाने की एक योजना पर विचार किए जाने की खबरें सामने आ रही हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति और अवैध प्रवासन पर उनके सख्त रुख से जुड़ा हो सकता है, जिसके तहत अमेरिकी सरकार ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई कर सकती है.
क्या है योजना?
रॉयटर्स द्वारा समीक्षा किए गए दस्तावेजों के मुताबिक, इस योजना के तहत ऐसे प्रवासियों पर प्रतिदिन 998 अमेरिकी डॉलर (लगभग 83,000 रुपये) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. रिपोर्ट में चिंताजनक बात यह कही गई है कि यदि प्रवासी निर्धारित समय सीमा तक अमेरिका छोडऩे में विफल रहते हैं, तो जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उनकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है. बताया जा रहा है कि इस फैसले को अमल में लाने के लिए 1996 के एक कानून का सहारा लिया जा सकता है.
लाखों डॉलर का हो सकता है जुर्माना
डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर रॉयटर्स को पहले बताया था कि प्रशासन यह जुर्माना पिछले पांच साल तक की अवधि के लिए भी (पूर्वव्यापी रूप से) लागू करने पर विचार कर सकता है. यदि यह योजना वास्तव में लागू होती है, तो कई प्रवासियों पर कुल जुर्माना 1 मिलियन डॉलर (लगभग 8.3 करोड़ रुपये) से भी अधिक हो सकता है.
सरकारी विभाग की चेतावनी
इस मुद्दे पर पहले दिए गए एक बयान में, अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की प्रवक्ता ट्रिसिया मैकलॉघलिन ने अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों को सलाह दी थी कि वे या तो खुद देश छोड़ दें (सेल्फ डिपोर्ट) या इसके लिए एक मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करें. मैकलॉघलिन ने चेतावनी भरे लहजे में कहा था, अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे, उन्हें प्रति दिन 998 डॉलर का जुर्माना भरना होगा. रिपोर्ट के अनुसार, विभाग ने 31 मार्च (संभवत: पिछले वर्षों में) को एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए भी ऐसे जुर्माने की चेतावनी जारी की थी.
ट्रंप का अमेरिका फर्स्ट एजेंडा
ज्ञात हो कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल (2017-2021) के दौरान अमेरिका फर्स्ट की नीति पर चलते हुए अवैध प्रवासियों के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए थे. उनके प्रशासन ने न केवल हजारों प्रवासियों को विशेष विमानों से उनके देशों में वापस भेजा, बल्कि अमेरिका में रह रहे प्रवासियों पर निगरानी भी काफी बढ़ा दी थी. यह प्रस्तावित जुर्माना नीति उसी कड़ी का हिस्सा मानी जा सकती है. हालाँकि, वर्तमान में जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, और यह देखना होगा कि क्या इस तरह की किसी योजना पर वर्तमान या भविष्य में अमल किया जाता है या नहीं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-