दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, ट्रेन में यात्री अपने सामान की सुरक्षा के लिए स्वयं जिम्मेदार है

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, ट्रेन में यात्री अपने सामान की सुरक्षा के लिए स्वयं जिम्मेदार है

प्रेषित समय :20:44:37 PM / Thu, Apr 10th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि ट्रेन में यात्रा करने वाला यात्री अपने सामान की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। रेलवे किसी भी चोरी के लिए उत्तरदायी नहीं है। जब तक कि उसके अधिकारियों द्वारा लापरवाही या कदाचार न किया गया हो। न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा ने एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। जिसमें आरोप लगाया गया था कि वह जनवरी 2013 में नई दिल्ली से नागपुर की यात्रा के दौरान थर्ड एसी कोच में यात्रा कर रहा था। उसका बैग जिसमें उसका लैपटॉप, कैमरा, चार्जर, चश्मा व एटीएम कार्ड थे, चोरी हो गया। 

       राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने पहले उनकी शिकायत को खारिज कर दिया था। जिसमें सेवाओं में कमी के कारण उत्पीडऩ के लिए 1 लाख रुपये के अलावा सामान के नुकसान के लिए 84,000 रुपए से अधिक का दावा किया गया था। हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय आयोग के फैसले को बरकरार रखा। इसके साथ ही कहा कि दावा मुख्य रूप से इस तथ्य पर आधारित था कि अटेंडेंट सो रहा था और असभ्य था और कंडक्टर का पता नहीं चल पा रहा था। हालांकि अदालत ने कहा कि कोच के दरवाजे खुले छोड़े जाने की एक फुसफुसाहट भी नहीं थी, ताकि कोई अनधिकृत घुसपैठिया चोरी कर सके। याचिका में उक्त व्यक्ति ने अपने चोरी हुए सामान के लिए 84000 रुपए और रेलवे द्वारा दी गई कथित असुविधा व उत्पीडऩ के लिए एक लाख रुपये का मुआवजा मांगा था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आयोग के निर्णय को सही ठहराया। कहा कि शिकायत मुख्य रूप से इस आधार पर थी कि सहायक सो रहा था और और असभ्य था। टीटी का कोच में पता नहीं चल पा रहा था। फैसले में कहा गया कि टीटी की अनुपस्थिति मात्र से सेवा में कमी नहीं मानी जा सकती। क्योंकि ऐसा कोई आरोप नहीं है जिसमें कहा गया हो कि टीटी ने कोच का दरवाजा बंद नहीं किया था।
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-