छत्तीसगढ़: सीएम साय और केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने खनिज विभाग के कामकाज की समीक्षा की

छत्तीसगढ़: सीएम साय और केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने खनिज विभाग के कामकाज की समीक्षा की

प्रेषित समय :18:10:25 PM / Fri, Apr 11th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

रायपुर.मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आज मंत्रालय महानदी भवन में खनिज विभाग की समीक्षा बैठक ली. बैठक में छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा, अन्वेषण कार्यों, तकनीकी नवाचारों और राजस्व उपलब्धियों की विस्तृत समीक्षा की गई.

केंद्रीय मंत्री  रेड्डी ने खनन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त की और देश की प्रगति में राज्य की अग्रणी भूमिका की बात कही. उन्होंने देश में वर्ष 2024-2025 में कोयला उत्पादन में 1 बिलियन टन का लक्ष्य हासिल करने पर खुशी जाहिर की और इसे पाने में छत्तीसगढ़ के योगदान को सराहा. इस मौके पर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने देश के पहले लिथियम ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस अनुबंध दस्तावेज सफल बोलीदाता के प्रतिनिधि को सौंपे. साथ ही दंतेवाड़ा जिले के तीन और कांकेर जिले के एक लौह अयस्क ब्लॉक के प्रीफर्ड बिडर आदेश प्रदान किए.

मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि आज की यह समीक्षा बैठक प्रदेश में कोयला एवं खनन के क्षेत्र के लिए लाभदायक होगी. हम केंद्र सरकार के साथ आवश्यक समन्वय करते हुए खनन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की भागीदारी को और अधिक प्रभावशाली बनाएंगे. विकसित भारत के निर्माण में हमारा राज्य खनिज क्षेत्र के माध्यम से एक मजबूत स्तंभ बने, यही हमारा लक्ष्य है. श्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों से परिपूर्ण राज्य है और संसाधनों का समुचित व सतत उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में अनेक नवाचारी पहल की गई हैं.

हमारे राज्य में कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट, टिन, चूना पत्थर सहित कई क्रिटिकल खनिजों की उपलब्धता है, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के साथ ही देश की औद्योगिक प्रगति में भी अहम भूमिका निभाती हैं. विकसित राष्ट्र की परिकल्पना के परिप्रेक्ष्य में सामरिक महत्व के खनिजों की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए विभाग द्वारा अपनी अन्वेषण योजना में व्यापक बदलाव करते हुए क्रिटिकल खनिजों के अन्वेषण को प्राथमिकता दी जा रही है.

 साय ने कहा कि पारदर्शिता, पर्यावरणीय उत्तरदायित्व और तकनीकी दक्षता लाने के लिए खनिज ऑनलाइन पोर्टल, ई-नीलामी प्रक्रिया, स्टार रेटिंग जैसे उपायों को अपनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि डीएमएफ के माध्यम से खनन प्रभावित क्षेत्रों के समावेशी विकास को प्राथमिकता दी जा रही है.

केंद्रीय खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है. कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट, चूना पत्थर जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के साथ-साथ देश का एकमात्र टिन उत्पादक राज्य होने का गौरव भी छत्तीसगढ़ को प्राप्त है.

 रेड्डी ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में 'क्रिटिकल मिनरल्सÓ और खनन क्षेत्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. छत्तीसगढ़ ने इस दिशा में जो अग्रणी कदम उठाए हैं, वे भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खनिज संसाधनों के अन्वेषण, सतत उपयोग और खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेगी. उन्होंने विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़, खनिज क्षेत्र में अपनी मजबूत भूमिका निभाते हुए देश के समग्र विकास में प्रभावी योगदान देता रहेगा.

केंद्रीय मंत्री श्री रेड्डी ने अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान देश की सबसे बड़ी कोयला खदान गेवरा के निरीक्षण का जि़क्र किया. उन्होंने खदान में किए जा रहे नवाचारों और अत्याधुनिक तकनीकों की भी सराहना की. उन्होंने गेवरा में जापानी मियावाकी तकनीक से विकसित वृक्षारोपण स्थल का उल्लेख करते हुए इस पहल के वृहद स्तर पर उपयोग की भी बात कही. श्री रेड्डी ने खनन प्रभावित क्षेत्रों में पीएम सूर्य घर योजना के तहत सौर विद्युत उपलब्ध कराने की भी बात कही. उन्होंने खनन क्षेत्रों में बढ़ रहे यातायात के दबाव एवं नागरिक सुरक्षा को देखते हुए कोयला परिवहन के लिए बनाए जा रहे डेडिकेटेड कोल कॉरिडोर की प्रगति की भी जानकारी ली.

मुख्यमंत्री के सचिव और खनिज साधन विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा संचालित खनन गतिविधियों एवं नीतियों की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि खनिज संसाधनों के समुचित दोहन एवं प्रबंधन के लिए केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों का बेहतर समन्वय करते हुए कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 28 प्रकार के खनिज मौजूद हैं. हमारा राज्य देश के कुल क्षेत्रफल का मात्र 4% होने के बावजूद राष्ट्रीय खनिज उत्पादन मूल्य में 17% से अधिक का योगदान देता है और खनिज उत्पादक राज्यों में द्वितीय स्थान पर है.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-