कोलकाता. एक समय के लिए राजनीतिक रूप से संवेदनशील पश्चिम बंगाल में शुक्रवार शाम को प्रतिद्वंद्वी भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) एक ही पाले में नजर आए. पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने पार्टी सहयोगी रिंकू मजूमदार से शादी कर ली. उन्हें बधाइयां देने वालों में टीएमसी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल रहीं.
पहले कोर्ट मैरिज, फिर किया पारंपरिक विवाह
दिलीप घोष और रिंकू मजूमदार ने पहले कोर्ट मैरिज की और फिर करीबी रिश्तेदारों की मौजूदगी में पारंपरिक समारोह में विवाह किया. 60 वर्षीय दिलीप घोष की यह पहली शादी है, जबकि रिंकू मजूमदार, जो 50 की उम्र के करीब हैं, की यह दूसरी शादी है. मजूमदार का पहले के विवाह से एक बेटा भी है.
सीएम ममता ने भेजे फूलों और मिठाइयां
शुक्रवार सुबह से ही घोष को भाजपा के सहयोगियों के साथ-साथ टीएमसी के नेताओं से भी शुभकामनाएं मिलनी शुरू हो गईं. ममता बनर्जी ने फूलों और मिठाइयों के साथ एक पत्र भेजा. टीएमसी नेता कुणाल घोष और मदन मित्रा ने भी बधाई दी. मदन मित्रा ने कहा, मैं खुश हूं कि दिलीप दा शादी कर रहे हैं.
सुवेंदु अधिकारी ने नहीं दी बधाई
शादी की खुशियों के बीच एक हल्की खटास भी नजर आई. जहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार समेत कई नेता शुभकामनाएं देने पहुंचे, वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी सुवेंदु अधिकारी नदारद रहे. अधिकारी ने बस इतना कहा, यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है. पार्टी ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं और मैं पार्टी का हिस्सा हूं.
ऐसे हुई थी दोनों की मुलाकात
बता दें कि घोष और मजूमदार की मुलाकात 2021 में सुबह की सैर के दौरान हुई थी और धीरे-धीरे उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई. मजूमदार ने बताया कि उन्होंने ही पहल करते हुए घोष को शादी का प्रस्ताव दिया था. यह प्रस्ताव सितंबर में रखा गया, जब घोष की लोकसभा चुनाव में हार अभी भी ताजा थी. घोष को हामी भरने में दो महीने से थोड़ा अधिक समय लगा.
मजूमदार ने घोष को शादी के लिए ऐसे मनाया
मजूमदार मानती हैं कि यह उनका ही प्रयास था जिससे घोष ने विवाह पर विचार किया. उन्होंने कहा, मैंने उन्हें इस बारे में सोचने पर मजबूर किया, शायद मुझसे पहले किसी ने यह कोशिश नहीं की थी.
मां की इच्छा पूरी करने के लिए की शादी
घोष ने कहा कि वह अपनी मां की इच्छा पूरी करने के लिए शादी कर रहे हैं. भाजपा सूत्रों के मुताबिक, घोष ने आरएसएस से बहुत कम उम्र में जुड़ाव किया था और लंबे समय तक पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में प्रचारक के रूप में कार्य किया, जिससे शादी की संभावना ही नहीं बनी. 2015 में उन्होंने भाजपा जॉइन की और जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए. लगभग उसी समय रिंकू मजूमदार एक एनजीओ में काम करने के बाद भाजपा में शामिल हुईं.




