रेल जोन में सीबीआई का छापा 32 लाख रिश्वत लेते चीफ इंजीनियर गिरफ्तार, ठेका दिलाने मांगी थी रिश्वत

रेल जोन में सीबीआई का छापा 32 लाख रिश्वत लेते चीफ इंजीनियर गिरफ्तार

प्रेषित समय :14:21:55 PM / Sat, Apr 26th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

बिलासपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) बिलासपुर में 32 लाख की रिश्वत लेते रेलवे के चीफ इंजीनियर को पकड़ा है. चीफ इंजीनियर विशाल आनंद ने रेलवे में करोड़ों रुपए का ठेका दिलाने के एवज में झाझरिया कंपनी से 32 लाख की डिमांड की और पैसे लेने अपने भाई को रांची भेजा.

शिकायत के बाद सीबीआई ने कार्रवाई की और विशाल आनंद समेत उसके भाई, रिश्वत देने वाला कंपनी का कर्मचारी और कंपनी के एमडी को गिरफ्तार कर लिया है. टीम ने नगद भी बरामद कर लिया है. जिस प्राइवेट कंपनी से यह रिश्वत ली गई, वह दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कई बड़े निर्माण कार्य कर रही थी. इनमें रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी), अंडरब्रिज (आरयूबी), ट्रैक लाइनिंग, क्षमता वृद्धि के काम और छोटे-बड़े पुलों का निर्माण शामिल है.  यह निर्माण कंपनी छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित दूसरे राज्यों में भी रेलवे में ठेका का काम करती है.

एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का ठेका

दरअसल, सीबीआई को शिकायत मिली कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोन में एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का काम चल रहा है. जिसमें रेलवे टेंडर जारी कर ठेके के माध्यम से काम करा रहा है. इसका ठेका दिलाने के लिए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार चल रहा है. इसमें रेल अफसरों के साथ ठेकेदार की सांठ-गांठ चल रही है. साथ ही चहेते ठेकेदारों को नियमों को दरकिनार कर काम दिए जा रहे हैं. इस पर सीबीआई ने ऐसे ठेकेदारों की जानकारी जुटाई, जिसके बाद भ्रष्टाचार करने वालों को पकडऩे की योजना बनाई गई. सीबीआई ने विशाल आनंद और उसके भाई कुणाल आनंद के साथ ही झांझरिया निर्माण लिमिटेड कंपनी के कर्मचारी मनोज पाठक को पकड़ कर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में छापेमारी की. जांच में नकद और कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिलने का दावा किया गया है.

रिश्वत की रकम रांची पहुंचाने रखी शर्त

सीबीआई की जांच में सामने आया कि 21 अप्रैल को चीफ इंजीनियर विशाल आनंद ने कंपनी के एमडी सुशील झाझरिया से मुलाकात की. चीफ इंजीनियर ने कंपनी को रेलवे के कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए 32 लाख रुपए रिश्वत की मांग की. चीफ इंजीनियर ने रिश्वत की रकम को उन्होंने सीधे लेने की बजाय रांची में अपने भाई कुणाल आनंद को देने को कहा. कंपनी के एमडी सुशील झाझरिया इसके लिए तैयार हो गए.

32 लाख रिश्वत लेते पकड़ाया चीफ इंजीनियर का भाई

सुशील झाझरिया ने अपने कर्मचारी मनोज पाठक को रिश्वत की राशि लेकर रांची भेजा. जैसे ही मनोज पाठक ने 32 लाख रुपए चीफ इंजीनियर विशाल आनंद के भाई कुणाल आनंद को दिए, सीबीआई की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया.

बरामद की गई राशि चीफ इंजीनियर के भाई के कब्जे से मिली है. जिसके बाद सीबीआई की टीम ने दोनों को पकड़ लिया. जिसके बाद टीम ने छापेमारी कर चीफ इंजीनियर को भी पकड़ लिया. वहीं, ठेका कंपनी के ठिकानों में भी दबिश दी और सुशील झाझरिया को भी गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई के अनुसार रांची और बिलासपुर में छापेमारी के दौरान नकद पैसों के साथ ही आपत्तिजनक दस्तावेज वगैरह बरामद किए गए हैं. अभी इस मामले की जांच जारी है.

बिलासपुर में कंपनी के दफ्तर पर छापा

इस मामले में आगे की कार्रवाई करते हुए सीबीआई की 8 से 10 सदस्यीय टीम ने झाझरिया निर्माण लिमिटेड के बिलासपुर स्थित कार्यालय में छापा मारा. टीम ने कंपनी के दस्तावेज, फाइलें और डिजिटल डेटा की गहन तलाशी ली. कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए हैं और अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है.

जोन में अफसर के दफ्तर में भी पहुंची सीबीआई

शुक्रवार को रिश्वतखोरी का भंडाफोड़ होने के बाद सीबीआई की टीम झाझरिया निर्माण लिमिटेड के ऑफिस पहुंचने के पहले रेलवे के चीफ इंजीनियर के ऑफिस में भी छापेमारी की. इस दौरान ऑफिस से ठेका कंपनी से संबंधित दस्तावेजों को जब्त किया गया है. छापेमारी की खबर मिलते ही रेलवे अफसरों में हड़कंप मच गया.

सीबीआई ने चीफ इंजीनियर समेत इन आरोपियों को किया गिरफ्तार

विशाल आनंद चीफ इंजीनियर (आईआरएसई-2000 बैच) दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर.
सुशील झाझरिया (उर्फ सुशील कुमार अग्रवाल), प्रबंधक निदेशक, मेसर्स झाझरिया निर्माण लिमिटेड कंपनी बिलासपुर
कुणाल आनंद, निवासी रांची, बिहालर (चीफ इंजीनियर का भाई).
मनोज पाठक, मेसर्स, कर्मचारी, झाझरिया निर्माण लिमिटेड बिलासपुर. (रिश्वत देने वाला).

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-