जबलपुर. पमरे के जबलपुर रेल मंडल के भिटौनी स्टेशन पर शुक्रवार की बीती रात पेट्रोल मालगाड़ी के दो डिब्बों में लगी आग को लगभग डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद भारत पेट्रोलियम डिपो व रेलवे द्वारा बुझा दिया गया था. इस घटना से लगभग 10 ट्रेनें विलंब से चलीं. वहीं इस घटना की जांच के लिए टीम मौके पर पहुंच कर बारीकी से सभी पहलू का अध्ययन कर रही थी.
रेल सूत्रों की माने तो यह घटना भिटौनी रेलवे स्टेशन पर घटित हुई, जहां पर भारत पेट्रोलियम कारर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) का पूरे महाकोशल प्रांत का सबसे बड़ा डिपो है, बीपीसीएल के इस डिपो में आग से निपटने के लिए अत्याधुनिक उपकरण व संसाधन मौजूद हैं, यहीं कारण है कि पेट्रोल से भरे टैंक में आग लगने के सवा घंटा के भीतर रेलवे के सहयोग से बीपीसीएल के अग्निशमन विभाग ने बुझा दिया और एक बहुत ही बड़े हादसे को टाल दिया.
कारणों की जांच शुरू
भिटौनी स्टेशन पर हुए अग्निकांड की जांच के लिए रेलवे ने भी अपने अधिकारियों की टीम गठित की है, जो इस मामले की जांच कर रही है, रेलवे इसलिए जांच कर रही ै क्योंकि घटना उसके अधिकार क्षेत्र की है, वहीं इस जांच में बीपीसीएल के अधिकारी भी सहयोग कर रहे हैं. बताया जाता है कि इटारसी की ओर से 50 टैंकरों की मालगाड़ी भिटौनी पहुंची थी, जिसमें अत्यधिक ज्वलनशील पेट्रोल भरा हुआ था, यह मालगाड़ी जब बीपीसीएल डिपो के अंदर प्रवेश कर रही थी, तभी इसके 11 व 12 नंबर के आयल टैंकरों के निचले भाग में आग लग गई, जहां से पेट्रोल का रिसाव हो रहा था. जांच टीम इस बात का पता लगा रही है कि इतने मजबूत स्टील से बने टैंक में रिसाव कैसे हुआ.
पेट्रोल-डीजल माफिया हैं सक्रिय
सूत्रों के मुताबिक शहपुरा, भिटोनी क्षेत्र में रेल साइडिंग के साथ-साथ बीपीसीएल परिसर के अंदर भी पेट्रोल-डीजल चोर माफिया सक्रिय है, जो मौका पाकर चोरी करने से बाज नहीं आता है. लोगों का शक ऐसे माफिया पर भी जा रहा है, जिनकी करतूत से पेट्रोल वैगन लीक हो गया. हालांकि रेल प्रशासन पूरे मामले की जांच कर रहा है. इसके बाद ही घटना का खुलासा हो सकेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-