03 मई 2025 शनिवार को श्री गंगा सप्तमी है .
गंगा सप्तमी और गंगा दशहरा दोनों ही पर्व सनातन परंपरा में पवित्र और पुण्यकारी माने जाते हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि सप्तमी देवी गंगा के जन्म का प्रतीक है, जबकि दशहरा उनके धरती पर आगमन का. दोनों पर्वों पर श्रद्धा और नियमपूर्वक स्नान, पूजन और दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है
*जैसे मंत्रों में ॐकार, स्त्रियों में गौरीदेवी, तत्त्वों में गुरुतत्त्व और विद्याओं में आत्मविद्या उत्तम है, उसी प्रकार सम्पूर्ण तीर्थों में गंगातीर्थ विशेष माना गया है. गंगाजी की वंदना करते हुए कहा गया हैः*
संसारविषनाशिन्यै जीवनायै नमोऽस्तु ते.
*तापत्रितयसंहन्त्र्यै प्राणेश्यै ते नमो नमः..*
*'देवी गंगे ! आप संसाररूपी विष का नाश करने वाली हैं . आप जीवनरूपा है. आप आधिभौतिक, आधिदैविक और आध्यात्मिक तीनों प्रकार के तापों का संहार करने वाली तथा प्राणों की स्वामिनी हैं . आपको बार-बार नमस्कार है.'(स्कंद पुराण, काशी खं.पू. 27.160)*
*जिस दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई वह दिन गंगा जयंती (वैशाख शुक्ल सप्तमी) और जिस दिन गंगाजी पृथ्वी पर अवतरित हुई वह दिन 'गंगा दशहरा' (ज्येष्ठ शुक्ल दशमी) के नाम से जाना जाता है. इन दिनों में गंगा जी में गोता मारने से विशेष सात्त्विकता, प्रसन्नता और पुण्यलाभ होता है. वैशाख, कार्तिक और माघ मास की पूर्णिमा, माघ मास की अमावस्या तथा कृष्णपक्षीय अष्टमी तिथि को गंगास्नान करने से भी विशेष पुण्यलाभ होता है.*
गंगा सप्तमी के शुभ मुहूर्त और योग
गंगा स्नान मुहूर्त: सुबह 10:58 बजे से दोपहर 01:38 बजे तक
विशेष योग: त्रिपुष्कर योग, रवि योग और शिववास योग का संयोग
इन योगों में किया गया स्नान और पूजा अनेक गुना फलदायी मानी जाती है.
गंगा सप्तमी का धार्मिक महत्व
गंगा सप्तमी के दिन देवी गंगा के ब्रह्मा के कमंडल से उत्पन्न होने की मान्यता है.
इसी दिन मां गंगा ने भगवान विष्णु के चरणों को पखारा था.
इस दिन देवी को विष्णुलोक में स्थान प्राप्त हुआ.
गंगा स्नान, दान और पूजा से पापों का नाश होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
गंगा दशहरा 2025 कब है?
गंगा दशहरा 5 जून 2025 को मनाया जाएगा.
यह पर्व ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है.
गंगा स्नान और पूजा के लाभ
शास्त्रों में वर्णित है कि गंगा स्नान से जाने-अनजाने किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं.
गंगाजल से महादेव का अभिषेक करने से जीवन में सुख-शांति आती है.
विशेष योगों में स्नान करने से मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है.
गंगा आरती और दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
अन्य विशेष मुहूर्त (3 मई 2025 को)
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:13 से 04:56 तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:31 से 03:25 तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:56 से 07:18 तक
निशिता मुहूर्त: रात्रि 11:56 से 12:34 तक
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-