श्रीनगर. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने आज पाकिस्तान को एक असफल राज्य करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान पर यदि उसकी सेना का नियंत्रण है तो वह भारत के साथ कोई दोस्ती नहीं होगी. अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के लोग भारत के साथ दोस्ती चाहते हैं, लेकिन देश की सेना ऐसा नहीं चाहती. उन्होंने कहा कि इस स्थिति के कारण सबसे ज्यादा कश्मीरी लोग पीडि़त हैं. एनसी प्रमुख की टिप्पणी पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर दोनों देशों के बीच बिगड़ते संबंधों के मद्देनजर आई है. जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई थी, जिनमें से 25 भारतीय थे.
पहलगाम हमले पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह सुरक्षा और खुफिया चूक का मामला था. उन्हें (पाकिस्तान को) यह पसंद नहीं आया कि हम अपनी जि़ंदगी बहुत अच्छी तरह जी रहे हैं. हमारे लोगों में भी दुष्प्रचार फैलाया गया. इसलिए उन्होंने (पाकिस्तान को) यह (पहलगाम हमला) किया. लेकिन उन्होंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि इसका भारत में मुसलमानों पर क्या असर पडऩे वाला है. पिछले 10 सालों से एक नैरेटिव चल रहा है, मुसलमानों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए, हमारी मस्जिदों को जलाने के लिए. हम पहले से ही इससे निपट रहे थे.
उन्होंने आगे कहा कि अब पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने दो-राष्ट्र्र सिद्धांत के बारे में बोलकर उकसाया. अगर युद्ध होता है तो यह बातचीत की मेज पर आएगा, लेकिन बातचीत की मेज पर क्या होगा, यह सिफऱ् अल्लाह जानता है. पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोडऩे का आदेश दिए जाने पर जेकेएनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह कार्रवाई अच्छी नहीं है, यह मानवता के खिलाफ है. कुछ लोग पिछले 70 सालों, 25 सालों से यहां रह रहे हैं. उनके बच्चे यहां हैं. उन्होंने कभी भारत को नुकसान नहीं पहुंचाया, बल्कि उन्होंने खुद को भारत के हवाले कर दिया है.
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