Aaj Ka Din: मंगलवार, 13 मई 2025, मंगल दोष के कारण असफल वैवाहिक जीवन सहित अनेक बाधाएं आती हैं, राहत के उपाय!

Aaj Ka Din: मंगलवार, 13 मई 2025, मंगल दोष के कारण असफल वैवाहिक जीवन सहित अनेक बाधाएं आती हैं, राहत के उपाय!

प्रेषित समय :22:16:50 PM / Mon, May 12th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
मंगल दोष के कारण असफल वैवाहिक जीवन सहित अनेक बाधाएं आती हैं, राहत के उपाय....
* मंगलनाथ, उज्जैन में मंगल दोष शांति
* त्रिपुरा सुंदरी, बांसवाड़ा में ब्रह्मचारिणी व्रत-पूजा
* नियमित हनुमान चालीसा और मंगलवार को मंगल की वस्तुओं का दान, रक्तदान उत्तम उपाय
* कुंभ विवाह, विष्णु विवाह, अश्वत्थ विवाह- वृक्ष से विवाह

जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में लग्न/चंद्र से 1, 4 ,7 और 12वें भाव में यदि मंगल ग्रह स्थित हो तो कुंडली में मंगल दोष का निर्माण होता है. इस दोष के चलते व्यक्ति को असफल वैवाहिक जीवन सहित कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मंगल दोष का प्रभाव जन्म कुंडली में मंगल के कारकत्व के सापेक्ष कम-ज्यादा होता है, मंगल दोष से राहत के लिए ये उपाय हैं....
एक- मंगलनाथ, उज्जैन में मंगल दोष शांति....
प्रमुख रूप से मंगल दोष जन्म लग्न के सापेक्ष देखा जाता है जो संपूर्ण जीवन को प्रभावित करता है, लेकिन चन्द्र कुंडली से मंगल दोष होने पर आध्यात्मिक सुख का अभाव रहता है तो शुक्र कुंडली में मंगल दोष से जीवन में भौतिक सुख का अभाव रहता है.
मंगल दोष निवारण के लिए उज्जैन में प्रसिद्ध मंगलनाथ मंदिर है, जिसमें श्रद्धालु मंगलदेव के शुभ आशीर्वाद हेतु, मंगल दोष मुक्ति हेतु पूजा-अर्चना करते हैं.
शिव स्वरूप में मंगल- भूमि प्राप्ति, धन प्राप्ति, संतान प्राप्ति, शीघ्र विवाह, कर्ज मुक्ति सहित एक्कीस विभागों के अधिपति हैं, इसलिए यहां विधिपूर्वक पूजन से इन क्षेत्रों में आ रही बाधाएं समाप्त होती हैं, जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है.
मंगल दोष शांति के पूर्ण विधान में गणेशांबिका एवं शिवपूजन, षोडशमातिका एवं सप्तघृतमातृका पूजन, ब्राह्मण वरण, अग्रि पूजन, नवग्रह एवं रूद्रास्थापना पूजन, पुण्याह वाचन पूजन, पितरों का नांदी श्राद्ध पूजन, मंगल ग्रह का भात पूजन एवं मंगल दोष हवन होता है.
दो- मंगल दोष मुक्ति के लिए देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करें....
देवी त्रिपुरा के नौ रूप हैं, जिनकी नवरात्रि में आराधना की जाती है.
देवी का द्वितीय स्वरूप- देवी ब्रह्मचारिणी हैं, जिनकी हर शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर पूजा-अर्चना की जाती है. 
क्योंकि, देवी ब्रह्मचारिणी ने शिवजी के लिए केवल फल-फूल-पत्ते खाकर घोर तपस्या की थी, इसलिए जो श्रद्धालु तपस्या में मनोबल बनाए रखना चाहते हैं, वे देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना करें.
त्रिपुरा सुंदरी के प्रमुख उपासक रहे दिवंगत पंडित लक्ष्मीनारायण द्विवेदी मंगल दोष निवारण के लिए देवी त्रिपुरा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा, व्रत और आराधना की सलाह देते थे.
देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना से मंगल ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती है, इसलिए जिनकी कुंडली में मंगल दोष है, जिनकी राशि मेष या वृश्चिक है, उन्हें उदयपुर संभाग के तलवाड़ा, बांसवाड़ा स्थित देवी त्रिपुरा की आराधना से संपूर्ण सुख की प्राप्ति होती है.
भूमि प्राप्ति, ऋण मुक्ति, रक्त रोग मुक्ति और पदोन्नति के लिए देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करें.
जिन श्रद्धालुओं के रक्त संबंधियों से मतभेद हों वे संकल्प लेकर देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना करें, विवाद से राहत मिलेगी.
देवी ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमंडल रहता है.
इस अवसर पर ऐसी कन्याओं का पूजन किया जाता है जिनकी सगाई हो गई है, लेकिन शुभ-विवाह नहीं हुआ है.
मनोकामना पूर्ण करने के लिए संकल्प लेकर हर शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को व्रत करें और देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करें.
व्यक्ति की जन्म कुंडली में लग्न के सापेक्ष मंगल ग्रह की उपस्थिति आदि के कारण यदि मंगल दोष है, मंगल अकारक है तो मंगलवार को मंगल से संबंधित वस्तुओं का दान करें, अशुभ प्रभाव कमजोर होगा.
वैसे मंगल दोष, अकारक मंगल की जानकारी ज्योतिषीय गणना से संभव है, जो कोई जानकार ज्योतिषी बता सकता है लेकिन इसके अलावा कई ऐसे संकेत भी है जिनसे व्यक्ति स्वयं मंगल का कारकत्व जान सकता है.
जिनका मंगल अकारक होता है उन्हें भाई और रक्त संबंधियों का आवश्यक सहयोग नहीं मिलता है.
जिनका मंगल अकारक होता है उन्हें जमीन प्राप्त करने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और अक्सर जमीन हाथ से निकल जाती है.
जिनका मंगल अकारक होता है उन्हें अक्सर रक्तदोष से संबंधित रोगों की शिकायत रहती है.
जिनका मंगल अकारक होता है वे अक्सर ऋणग्रस्त रहते हैं तथा जमा पूंजी अचानक निकल जाती है.
जिनका मंगल अकारक होता है, जन्म पत्रिका में मंगल जिस भाव में होता है उस भाव के सुख को नष्ट कर देता है.
मंगल अकारक होने पर श्रीगणेश, श्रीराम और महावीर हनुमान की पूजा करें.
मंगल अकारक होने पर मंगलवार को रक्त संबंधियों को तांबे के पात्र, गुड़, स्वर्ण, लाल रंग की वस्तुएं, बिजली का सामान, मसूर की दाल आदि भेंट करें.
नियमित रक्तदान से भी मंगल दोष में राहत मिलती है.
ऐसी ज्योतिर्धारणा है कि अगर एक मांगलिक व्यक्ति दूसरे मांगलिक व्यक्ति से विवाह करता है, तो मंगल दोष दूर हो जाता है.
कुंभ विवाह, विष्णु विवाह, अश्वत्थ विवाह- अर्थात....वृक्ष से विधिवत विवाह कराकर मंगल दोष से राहत प्राप्त कर सकते हैं.
इनके अलावा लाल किताब के भी- चिड़ियाओं को मीठा खिलाना, घर पर हाथी-दांत रखना, बरगद के पेड़ की मीठे दूध से पूजा आदि उपाय भी किए जाते हैं!
श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 13 मई 2025
शक सम्वत 1947, विक्रम सम्वत 2082, अमान्त महीना वैशाख, पूर्णिमान्त महीना ज्येष्ठ, वार मंगलवार, पक्ष कृष्ण, तिथि प्रतिपदा - 00:35, (14 मई 2025) तक, नक्षत्र विशाखा - 09:09 तक, योग वरीयान् - 05:53 तक, करण बालव - 11:32 तक, द्वितीय करण कौलव - 00:35, (14 मई 2025) तक, सूर्य राशि मेष, चन्द्र राशि वृश्चिक, राहुकाल 15:47 से 17:27, अभिजित मुहूर्त 12:02 से 12:55
मंगलवार चौघड़िया- 13 मई 2025
दिन का चौघड़िया
रोग - 05:51 से 07:31
उद्वेग - 07:31 से 09:10
चर - 09:10 से 10:49
लाभ - 10:49 से 12:29
अमृत - 12:29 से 14:08
काल - 14:08 से 15:47
शुभ - 15:47 से 17:27
रोग - 17:27 से 19:06
रात्रि का चौघड़िया
काल - 19:06 से 20:27
लाभ - 20:27 से 21:47
उद्वेग - 21:47 से 23:08
शुभ - 23:08 से 00:28
अमृत - 00:28 से 01:49
चर - 01:49 से 03:10
रोग - 03:10 से 04:30
काल - 04:30 से 05:51 
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का राशिफल -
मेष राशि:- आज किसी भी प्रकार के संकट में न पड़ने की सलाह देते हैं। आज भाग्य साथ नहीं देगा। किसी भी कार्य में सफलता शीघ्र नहीं मिलेगी लेकिन मध्याह्न के बाद परिस्थितियों में सुधार होगा। गृहस्थजीवन में वातावरण आनंदपूर्ण रहेगा। अधिकार वर्ग आपसे प्रसन्न रहेंगे। पदोन्नति के योग बन रहे हैं। योजनानुसार आर्थिक लाभ होगा।

वृष राशि:- आज  अधिक भावुकता के कारण आप अस्वस्थ हो सकते हैं। आज कोई नया कार्यप्रारंभ न करें। वाणी और भाषा पर संयम रखें। खान-पान में लापरवाही न करें। व्यावसायिक क्षेत्र में विध्न पड़ सकता है। प्रतिस्पर्धीयों से वाद-विवाद या उग्र चर्चा न हो इसका ख्याल रखें। कार्य में सफलता प्राप्त होने में विलंब हो सकता है।

मिथुन राशि:- आज खुद को आमोद-प्रमोद में भुला दिजिए। मनोरंजन में खो जाइये। अच्छे खान-पान और अच्छे वस्त्र उपलब्ध होंगे। मध्याह्न के बाद आप कुछ अधिक ही भावुक हो सकते हैं। इससे मन की व्यथा में भी वृद्धि हो सकती है। अनैतिक तथा निषेधात्मक कार्यों से दूर रहिए।

कर्क राशि:- आज  व्यवसायिक स्थल पर वातावरण अनुकूल रहेगा। ससुराल एवं मायके से अच्छे समाचार मिल सकते हैं। पारिवारिक वातावरण अनुकूल रहेगा। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। बौद्धिक चर्चा में अपने तार्किक विचारों को रखने करने के लिए समय अनुकूल है।

सिंह राशि:- आज का दिन प्रणय-प्रसंग के लिए अनुकूल है। क्रोध पर नियंत्रण रखें। पेट सम्बंधित रोग हो सकते हैं। लेकिन मध्याह्न के बाद परिवार के साथ आनंद और उल्लासमय समय बितेगा। मानसिक रूप से प्रसन्न और स्फूर्ति का अनुभव करेंगे। व्यवसाय से लाभ होने का योग बन रहा है।

कन्या राशि:- आज आप में शारीरिक स्फूर्ति और चेतनाशक्ति का अभाव रहेगा। सामाजिक रूप से अपमान न हो इसका ध्यान रखें। धनहानि हो सकती है। क्रोध पर संयम रखें। कार्य में सफलता न मिलने के कारण निराशा हो सकती है। प्रवास को संभवतः टाल दें।

तुला राशि:- आज का दिन नए कार्य का शुरु करने के लिए अच्छा है। प्रिय व्यक्ति से भेंट होगी तथा भाग्यवृद्धि होगी। सामाजिक रूप से मान-सम्मान बढ़ेगा। शारीरिक रूप से अस्वस्थता का अनुभव हो सकता है। स्थाई संपत्ति से सम्बंधित पत्रों के विषय में सावधानी बरतें। माता का स्वास्थ्य खराब हो सकता है।

वृश्चिक राशि:- आज  निर्धारित कार्य संपन्न न होने से निराश हो सकते हैं। किसी भी महत्वपूर्ण कार्य अथवा उसके विषय में निर्णय न ले। पारिवारिक वातावरण में क्लेश बढ़ेगा। लेकिन, मध्याह्न के बाद परिवारजनों तथा भाई-बहनों के साथ समय आनंदपूर्वक बितेगा। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे।

धनु राशि:- आज का दिन आपके लिए शुभ फलदायी है। शारीरिक और मानसिक रूप से आप उत्साही तथा प्रफुल्लित होंगे। कहीं यात्रा करने जा सकते हैं। मध्याह्न के बाद आप कुछ दुविधा में पड़ सकते हैं। घर में तथा व्यवसायिक स्थल पर कार्यभार बढ़ेगा। अधिक खर्च हो सकता है।

मकर राशि:- आज  वाणी और भाषा कि वजह से भ्रम न हो जाए इसका ख्याल रखें। क्रोध की मात्रा बढ़ने से किसी के साथ उग्र चर्चा या विवाद न हो सकता है। मन में व्यग्रता रहेगी इसलिए आध्यात्मिकता का आश्रय ले। मध्याह्न के बाद स्फूर्ति और उल्लास का अनुभव होगा। पारिवारिक वातावरण आनंदप्रद और शांत रहेगा।

कुम्भ राशि:- आज का दिन लाभप्रद है। सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहेंगे और मान- सम्मान में वृद्धि होगी। मध्याह्न के बाद घर का वातावरण तनावपूर्ण रह सकता है। शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है, इसलिए आवेशपूर्ण मन पर संयम रखें। धन का अधिक खर्च न हो इसका ख्याल रखें।

मीन राशि:- आज का दिन सब प्रकार से आपके लिए लाभदायी है। आप कोई परोपकार का कार्य करेंगे। व्यापार में उचित आयोजन के द्वारा व्यापार-वृद्धि होगी। व्यापार से सम्बंधित प्रवास का योग बन रहा है। पिता और बड़ों से आशीर्वाद व लाभ मिलेगा। आय में वृद्धि होग ।
 * आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-