देव गुरु बृहस्पति सबसे शुभ ग्रह की श्रेणी में आते है, इनका पाप ग्रहों की दृष्टि और प्रभाव से मुक्त होना हमेशा ही शुभ माना जाता है,1 अप्रैल से गुरु देव शनि की दृष्टि में थे, इसके अलावा वे वृषभ राशि में है, दोनों ही प्रतिकूल स्थिति है, कल यानी 14 मई से गुरुदेव वृषभ राशी छोड़कर मिथुन राशि में जाने वाले है जहां से ये अपनी मूल त्रिकोण राशि धनु को देखेंगे, इसके अलावा वे राहु और शनि की दृष्टि में भी नहीं रहेंगे, यह स्थिति संसार के लिए अति शुभ मानी जाती है, लेकिन गुरु का अतिचारी होना एक खास बात है जोर संसार में होने वाली किसी विशेष घटना की ओर संकेत कर रही है.
अतिचारी गुरु 152 दिन में अपनी उच्च राशि में
जब कोई ग्रह अतिचारी होता है तो यह एक अच्छा संकेत नहीं माना जाता ,इसका मतलब होता है कि संसार में हो रही अशुभ घटनाओं को रोकने के लिए किसी वरिष्ठ व्यक्ति कर तेजी से दौड़ लगाना.
*विश्व में आर्थिक स्तर पर काफी उठापटक होने वाली है, विश्व व्यापार में काफी उठापटक होगी.
*संसार में होने वाली युद्ध और झड़प को रोकने के लिए भी वरिष्ठ नेताओं में वार्ता होती रहेगी.
*गुरु प्रधान राशि मिश्र, कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु, और मीन राशि वालो के जीवन में खास परिवर्तन आयेगा.
*पंडित चंद्रशेखर नेमा हिमांशु*
मां कामाख्या साधक, जन्म कुंडली विशेषज्ञ वास्तु शास्त्री
9893280184