जबलपुर-इंदौर-बुधनी रेल प्रोजेक्ट में अधिग्रहित 29 किसानों के खेतों में खड़ी मूंग फसल पर प्रशासन ने चलाई जेसीबी

जबलपुर-इंदौर-बुधनी रेल प्रोजेक्ट में अधिग्रहित 29 किसानों के खेतों में खड़ी मूंग फसल पर प्रशासन ने चलाई जेसीबी

प्रेषित समय :16:42:01 PM / Thu, May 15th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर/भोपाल. किसानों की जमीन पर जबलपुर- इंदौर-बुधनी रेल परियोजना अटकी हुई है. बुधनी रेलवे परियोजना साल 2024 में पूरी हो जानी थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के चलते यह परियोजना वर्ष 2025 में भी पूरी होने की उम्मीद नहीं है. जमीन का चार गुना मुआवजा दिये जाने की मांग को लेकर लगातार किसान इस परियोजना को लेकर विरोध करते चले आ रहे हैं. जिससे परियोजना में देरी हो रही है.

इसी क्रम में बुधवार को रेहटी क्षेत्र के गांव मलाजपुर में प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान 11 हैक्टेयर कृषि भूमि का कब्जा प्रशासन ने किसानों से लेकर रेलवे विभाग को सौंपा. इस दौरान किसानों ने जमकर विरोध दर्ज कराया, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने एक नहीं सुनी और किसानों की जमीन पर बोई मूंग फसल पर जेसीबी चलाकर जमीन से कब्जा छुड़ाया.

इस मामले में किसानों का कहना था कि प्रशासन की हठधर्मिता के चलते किसानों पर दोहरी मार पड़ी है. कृषि भूमि का बिना मुआवजा दिए ही जमीन से कब्जा लेकर प्रशासन किसानों की कमर तोड़ रहा है. वहीं प्रशासन ने दावा किया है कि सभी किसानों का राजस्व रिकॉर्ड दुरुस्त है. वहीं खाता नंबर नहीं दिए जाने से किसानों के खातों में मुआवजा राशि नहीं पहुंच पाई है. इस कार्रवाई में रेहटी तहसीलदार भूपेंद्र कलोसिया, थाना प्रभारी राजेश कहारे, नायब तहसीलदार सहित रेलवे के अधिकारी और बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था.

उल्लेखनीय है कि इंदौर से जबलपुर की दूरी कम करने और इंदौर से बुधनी रेलवे लाइन बिछाने के लिए 2018 में परियोजना का भूमि पूजन किया गया था. इस दौरान वर्ष 2024 तक परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन भूमि अधिग्रहण न होने से अर्थवर्क का कार्य शुरू नहीं हो सका है. रेलवे विभाग को अधिग्रहित भूमि किसानों से लेने में विवाद का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते प्रशासन को मौके पर पहुंचकर अधिग्रहित भूमि से कब्जा हटाकर भूमि विभाग को सौंपनी पड़ रही है.

बता दें कि वर्ष 2023 के रेलवे बजट में केंद्र सरकार ने 514 करोड़ की राशि इस परियोजना के लिए स्वीकृत की थी, जिसके चलते सरकारी रास्तों पर पुल-पुलियाओं का निर्माण किया जा चुका है. वर्ष 2024-25 के लिए इस परियोजना में 1107.25 करोड़ का परिव्यय आवंटित किया गया है. इस परियोजना में 3261.82 करोड़ रुपये की राशि खर्च होने का अनुमान है. यह परियोजना कुल 205 किमी लंबी हैं. रेलवे लाइन इंदौर जिले में 20 किमी, देवास में 112 और सीहोर जिले में 66 किमी ऐरिये में बिछाई जाना है. जिससे प्रतिदिन हजारों लोगों को इंदौर से जबलपुर तक सफर करने में कम दूरी का फायदा मिलेगा.

प्रशासन ने दिया यह स्पष्टीकरण

एसडीएम दिनेश तोमर ने बताया कि मलाजपुर के सभी किसानों का रिकॉर्ड दुरुस्त है. यहां के 29 किसानों की 11 हैक्टेयर जमीन का कब्जा रेलवे विभाग को सौंपा जा चुका है. किसानों द्वारा खाते नंबर नहीं देने की स्थिति में उनके खातो में 3 करोड़ 79 लाख मुआवजा अब तक हस्तांतरित नहीं हो सका है. बुधनी सब डिवीजन के तहत कुल 25 गांव में 798 कृषकों की कृषि भूमि रेलवे परियोजना के लिए अर्जित की गई हैं. जिसका रकबा 306 हैक्टेयर और कुल मुआवजा राशि 132 करोड़ रुपये है. इसमें से 115 करोड़ रुपये किसानों के खातों में डाल दिये हैं, शेष किसानों की खातों की जानकारी नहीं देने से राशि का हस्तांतरण नहीं हो पाया है. राजस्व विभाग द्वारा 280 हैक्टेयर जमीन का कब्जा भी रेलवे को सौंपा जा चुका है.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-