न्यूयॉर्क. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नेDeepfake और Revenge Porn के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए एक अहम कानून पर हस्ताक्षर किए हैं. इस नए कानून का नाम TAKE IT DOWN Act है, जिसे हाल ही में व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में आयोजित एक सेरेमनी में आधिकारिक रूप से लागू किया गया.
यह कानून उन मामलों पर सीधे कार्रवाई करेगा, जिसमें किसी की सहमति के बिना अश्लील फोटो या वीडियो, चाहे असली हों या AI द्वारा जनरेट किए गए, ऑनलाइन पोस्ट किए जाते हैं. कानून के तहत, टेक कंपनियों को ऐसे किसी भी कंटेंट को 48 घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य होगा. इस बिल पर हस्ताक्षर करते समय ट्रंप के साथ अमेरिका की फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप भी मौजूद थीं. उन्होंने कहा, टेक इट डाउन एक्ट, हमारे बच्चों की भलाई, हमारे परिवारों और अमेरिका के भविष्य के लिए जरूरी है.
यह कानून दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों- रिपब्लिकन और डेमोक्रेट के समर्थन से पास किया गया है. इसे सीनेट कॉमर्स कमेटी के चेयरमैन टेड क्रूज़ और डेमोक्रेटिक सीनेटर एमी क्लोबुचर ने मिलकर तैयार किया है.
क्या है डीप फेक ?
डीपफेक तकनीक एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से बनाए गए वीडियो या तस्वीरों को कहा जाता है, जिसमें किसी शख्स के चेहरे को दूसरे के शरीर या वीडियो पर हूबहू चिपका दिया जाता है. इसका इस्तेमाल कई बार गैरकानूनी या अश्लील उद्देश्यों से किया जाता है, जिससे पीडि़त व्यक्ति की गरिमा और निजता पर खतरा मंडराता है. गौरतलब है कि हाल ही में रिलीज़ हुई एक हिंदी फिल्म लवयापा में भी डीरपफेक पोर्न के खतरों को दर्शाया गया है. नए कानून के तहत डीपफेक या रीवेंज पोर्न से जुड़े कंटेंट को पोस्ट करना अब अपराध की श्रेणी में आएगा, और ऐसा करने वाले को जेल, जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-



