नई दिल्ली. भारतीय रेलवे ने वेटिंग लिस्ट टिकट से जुड़े ऑटोमैटिक अपग्रेडेशन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है. अब स्लीपर क्लास के वेटिंग टिकट को सीधे फर्स्ट एसी में अपग्रेड नहीं किया जाएगा, चाहे सीटें खाली ही क्यों न हों. यह कदम उच्च श्रेणी के कोचों में अनावश्यक भीड़ को नियंत्रित करने और बर्थ आवंटन को अधिक व्यवस्थित बनाने के लिए उठाया गया है.
सेकेंड एसी (2ए) तक ही अपग्रेड हो सकता है
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि स्लीपर क्लास का टिकट अब अधिकतम सेकेंड एसी (2ए) तक ही अपग्रेड हो सकता है, जबकि पहले ऐसी स्थिति में उसे फर्स्ट एसी (1ए) तक अपग्रेड किया जा सकता था. इसी तरह, थर्ड एसी टिकट को फर्स्ट एसी तक अपग्रेड किया जा सकता है, लेकिन अब दो कैटेगरी से ऊपर की अनुमति नहीं होगी. रेलवे की डिजिटल प्रणाली संचालित करने वाली संस्था क्रिस (सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम) इस नए नियम के अनुसार सॉफ्टवेयर अपडेट कर रही है ताकि यह प्रक्रिया तकनीकी रूप से लागू हो सके.