विधानसभा चुनाव में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी अकेले बिहार में चुनाव लड़ेंगी

विधानसभा चुनाव में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी अकेले बिहार में चुनाव लड़ेंगी

प्रेषित समय :14:57:42 PM / Wed, May 28th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अनिल मिश्र/रांची 

इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजद नेता तेजस्वी यादव की अगुवाई में महागठबंधन की तीन बैठकों में बिहार से अलग होकर बने झारखंड प्रदेश के सबसे बड़े ताकतवर राजनीतिक पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा को आमंत्रित नहीं किया गया और ना ही 21 सदस्यीय समन्वय समिति में उसे जगह दी गई है. जिससे झारखंड मुक्ति मोर्चा खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है. इस संबंध में पार्टी  के नेताओं का कहना है कि उसने 2019 में झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान मात्र एक सीट जीतने के बावजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सरकार में राष्ट्रीय जनता दल को मंत्री पद देकर गठबंधन धर्म का पालन किया था. मगर इसके बावजूद बिहार प्रदेश में झारखंड मुक्ति मोर्चा को नजरअंदाज किया जा रहा है.इन नेताओं ने कहा कि पिछली सरकार में कई चुनौतीपूर्ण समय आए,लेकिन हेमंत के नेतृत्व में महागठबंधन पर आंच तक नहीं आई.

इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं का कहना है कि 2024 झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान सीट बंटवारे से पहले  बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव और राज्यसभा सांसद मनोज झा रांची में पांच से छह दिन प्रवास पर रहे थे.  वहीं राष्ट्रीय जनता दल को महागठबंधन में छह सीटें दी गई और सरकार में एक मंत्री पद देकर हेमंत ने गठबंधन धर्म की मिसाल पेश की. उसी  तरह झारखंड मुक्ति मोर्चा भी पड़ोसी प्रदेश बिहार में चुनाव के वक्त सम्मान और सत्ता में भागीदारी चाहता है.  जिसके कारण झारखंड प्रदेश से सटे बिहार प्रदेश के सीमावर्ती सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

गत बिहार विधानसभा 2010 के चुनाव में  जमुई जिले के चकाई  विधानसभा सीट से झामुमो के टिकट पर सुमित कुमार सिंह विधायक बने थे, जो वर्तमान में बिहार सरकार में विज्ञान,प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री हैं. जिसके कारण बिहार विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने महागठबंधन से नाराज होकर अपने कार्यकर्ताओं के दम पर चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं.  

इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के  महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने स्पष्ट कहा है कि यदि महागठबंधन में सम्मानजनक भागीदारी नहीं मिली, तो झामुमो पन्द्रह सीटों पर  बिहार विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारेगा . इस संबंध में बताया जा रहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा बिहार-झारखंड सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे चकाई, झाझा, तारापुर, कटोरिया, बांका,मनिहारी, रूपौली,बनमनखी,जमालपुर और धमदाहा सीटों पर अपनी दावेदारी ठोक रहा है. पार्टी का दावा है कि इन क्षेत्रों में झारखंडी संस्कृति,भाषा और आदिवासी अस्मिता की मजबूत पकड़ है. सीमावर्ती इलाकों में पार्टी का प्रभाव है,जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

झामुमो की सक्रियता और आक्रामक रणनीति यह संकेत दे रही है कि पार्टी बिहार में अपना जनाधार बढ़ाने को लेकर पूरी तरह गंभीर है. ऐसे में आगामी चुनाव में झामुमो की भूमिका एक अहम फैक्टर बन सकती है,खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में जहां पार्टी की जमीनी पकड़ बताई जा रही है.इस बीच  झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव विनोद कुमार पांडेय के अनुसार महाधिवेशन में पारित राजनीतिक प्रस्ताव के अनुसार झामुमो को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित करना है और इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए झारखंड के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा बिहार,पं बंगाल,उत्तर प्रदेश,असम,ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भी संगठनात्मक विस्तार की दिशा में कदम बढ़ा चुका है.  गौरतलब हो कि इससे पूर्व में झामुमो का बिहार में एक विधायक,ओडिशा में छह विधायक और एक सांसद निर्वाचित हो चुके हैं. उत्तर प्रदेश के विंध्य क्षेत्र,तमिलनाडु,अंडमान, पुदुचेरी और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में जिन सीटों पर चुनाव लड़ा,वहां अच्छी स्थिति में रहे हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-