Railway का टेंडर घोटाला मामले में लालू परिवार की किस्मत का फैसला 23 जुलाई को, तेजस्वी और राबड़ी भी हैं आरोपी

Railway का टेंडर घोटाला मामले में लालू परिवार की किस्मत का फैसला 23 जुलाई को, तेजस्वी और राबड़ी भी हैं आरोपी

प्रेषित समय :15:41:36 PM / Thu, May 29th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. रेलवे टेंडर घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ इस मामले में मुकदमा आगे चलेगा या फिर उन्हें राहत मिलेगी, राउज एवेन्यू कोर्ट 23 जुलाई 2025 को इस पर अपना फैसला सुनाएगा.

बता दें कि इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. जांच एजेंसी ने सालों तक इस मामले की जांच करने के बाद इस मामले में कोर्ट में अपना पक्ष रखा था. आईआरसीटीसी टेंडर घोटाला मामले में सीबीआई का पक्ष जानने के बाद अब कोर्ट ने लालू यादव और उनके परिवार के अन्य सदस्यों पर चार्ज फ्रेम करने पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

लालू परिवार से जुड़े आईआरसीटीसी टेंडर घोटाला मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने घोटाले के आरोपियों लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और अन्य के खिलाफ अब 23 जुलाई को चार्ज फ्रेम करेगा. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोप तय करने पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. ऐसे में 23 जुलाई का दिन लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है. सीबीआई द्वारा दर्ज रेलवे टेंडर घोटाला से जुड़े मामले में उस दिन कोर्ट बड़ा फैसला सुनाया जा सकता है. साल 2004 से 2014 के बीच आईआरसीटीसी में कथित अनियमितताओं से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में लालू यादव समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है.

यह है रेलवे टेंडर घोटाला

साल 2006 में जब लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे तब आईआरसीटीसी ने होटलों के संचालन, रखरखाव और विकास के लिए टेंडर जारी किया था. आरोप है कि यह टेंडर प्रक्रिया जानबूझकर एक विशेष कंपनी (सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड) को लाभ पहुंचाने के लिए तैयार की गई थी. इस कंपनी की मालकिन सरला गुप्ता थीं, जो लालू यादव के करीबी सहयोगी और तत्कालीन राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी हैं.

सीबीआई की जांच के अनुसार, इस टेंडर प्रक्रिया में तकनीकी मूल्यांकन के दौरान अन्य बोलीदाताओं को जानबूझकर कम अंक दिए गए, जिससे सुजाता होटल्स एकमात्र योग्य बोलीदाता बन गई और उसे कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया. आरोप है कि इस कॉन्ट्रैक्ट के बदले में पटना में लालू परिवार को जमीन दी गई थी. इसे बेनामी तरीके से ट्रांसफर किया गया था.

लालू यादव परिवार का यह है पक्ष

बता दें कि लालू प्रसाद यादव यूपीए-1 के शासनकाल में रेलवे मंत्री थे. आईआरसीटीसी टेंडर घोटाला दरअसल क्विड-प्रो-को यानी लेनदेन के आधार पर किया गया था. इस मामले में लालू यादव समेत अन्य आरोपियों से कई दौर की पूछताछ की गई. इसके बाद कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से जिरह भी की गई. लालू प्रसाद यादव समेत अन्य आरोपी इस मामले में खुद को निर्दोष बताते रहे हैं. अब इस मामले में कोर्ट की ओर से चार्ज फ्रेम किए जाने के बाद ही तय होगा कि आरोपियों के खिलाफ मामला आगे चलेगा या नहीं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-