झारखंड में भी पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित लोगों को दूसरे प्रदेशों की तरह पेंशन और घर बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराये झारखंड सरकार; विजय नायक

झारखंड में भी पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित लोगों को दूसरे प्रदेशों की तरह पेंशन और घर बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराये झारखंड सरकार; विजय नायक

प्रेषित समय :19:15:04 PM / Fri, May 30th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अनिल मिश्र/रांची 

झारखंड  प्रदेश के सभी पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त व्यक्तियों को कर्नाटक, उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश ,छत्तीसगढ़ सरकार के तर्ज़ पर 05 डिसमिल जमीन और  25,000  रुपये मासिक पेंशन राशि के  साथ-साथ चिकित्सा सुविधा मुहैया कराए राज्य की हेमंत सरकार.यह उपरोक्त बातें आज  आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक  प्रत्याशी विजय शंकर नायक के  द्वारा  माननीय श्री हेमंत सोरेन मुख्य मंत्री झारखंड सरकार ,रांची को भेजे गए ईमेल  पत्र के माध्यम  से इस सबंध  मे ध्यान आकृष्ट कराते हुए कही .

इन्होने  यह भी आगे कहा कि झारखंड के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को समृद्ध करने वाले पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त व्यक्तियों के सम्मान में, हम झारखंड सरकार से अनुरोध करते हैं कि इन विशिष्ट व्यक्तियों को उनके योगदान के लिए उचित सुविधाएं प्रदान की जाएं. विशेष रूप से, हम मांग करते हैं कि प्रत्येक पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त व्यक्ति को रहने के लिए पांच डिसमिल जमीन और जीवन यापन हेतु मासिक मानदेय राशि प्रदान की जाए. यह कदम न केवल इन महान व्यक्तियों के प्रति सम्मान का प्रतीक होगा, बल्कि भावी पीढ़ियों को भी प्रेरणा देगा कि वे समाज और देश के लिए उत्कृष्ट योगदान दें.  

श्री नायक  ने आगे कहा कि पद्मश्री पुरस्कार, भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान, और अन्य क्षेत्रों में असाधारण योगदान के लिए प्रदान किया जाता है. झारखंड के कई व्यक्तियों ने इस सम्मान को प्राप्त कर राज्य का गौरव बढ़ाया है, जिनमें शामिल हैं. 
मुकुंद नायक  (कला - लोक संगीत) महावीर नायक  (कला - लोक संगीत) झारखंड के पारंपरिक लोक संगीत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाने वाले.  सिमोन उरांव ( सामाजिक कार्य) जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य.

 रामचंद्र सिंह (सामाजिक कार्य) सामाजिक समानता और ग्रामीण विकास के लिए प्रयास.  छुटनी महतो (सामाजिक कार्य) सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूकता और आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए कार्य.  अशोक भगत (सामाजिक कार्य) शिक्षा और सामाजिक विकास में योगदान.  डॉ. रतनलाल (सामाजिक कार्य) सामाजिक उत्थान और ग्रामीण विकास के लिए कार्य. इन व्यक्तियों ने अपने कार्यों से न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है. हालांकि, इनके सम्मान में अभी तक झारखंड सरकार द्वारा कोई विशेष सुविधा, जैसे आवासीय भूमि या मानदेय राशि, प्रदान करने की ठोस नीति लागू नहीं की गई है जो सभी सरकारो के लिए शर्म का विषय है.  

श्री नायक ने आगे कहा कि आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच आपको यह भी बताना चाहता है कि कई अन्य राज्यों के द्वारा  पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त व्यक्तियों को सम्मान और सुविधाएं प्रदान करती हैं, जो झारखंड के लिए एक प्रेरणा हो सकती हैं:  

मध्य प्रदेश सरकार ने अपने पद्म पुरस्कार विजेताओं को मासिक मानदेय और अन्य सुविधाएं प्रदान करने की नीति लागू की है. उदाहरण के लिए, पद्मश्री पुरस्कारों को मासिक मानदेय के साथ-साथ चिकित्सा और आवासीय सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.  

वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने पद्म पुरस्कार विजेताओं के लिए मासिक पेंशन योजना शुरू की है, जिसमें पद्मश्री पुरस्कारों को 15,000 रुपये से 25,000 रुपये तक की मासिक राशि दी जाती है.  
जबकि छत्तीसगढ़ सरकार ने पद्म पुरस्कार प्राप्त व्यक्तियों को सम्मान राशि और आवासीय सुविधाएं प्रदान करने की पहल की है, जिसके तहत कुछ मामलों में भूमि आवंटन भी शामिल है.  
कर्नाटक सरकार अपने पद्म पुरस्कार विजेताओं को मासिक सम्मान राशि और अन्य सुविधाएं प्रदान करती है, जो उनके योगदान को मान्यता देता है.इस संबंध में हम झारखंड सरकार से निम्नलिखित मांग करते हैं कि  प्रत्येक पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त व्यक्ति को उनके गृह जिले में पांच डिसमिल जमीन आवास के लिए आवंटित की जाए.  जीवनयापन के लिए मासिक मानदेय राशि (न्यूनतम 25,000 रुपये) प्रदान की जाए, जो उनके योगदान के सम्मान में हो.  इन्होने  आगे यह भी बताया कि इन सुविधाओं को लागू करने के लिए एक स्पष्ट नीति और त्वरित कार्यान्वयन तंत्र स्थापित किया जाए.

यह कदम न केवल पद्मश्री पुरस्कारों के प्रति सम्मान व्यक्त करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि झारखंड के युवा और समाज इनके कार्यों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दें. हम सरकार से आग्रह करते हैं कि इस मांग पर शीघ्र विचार किया जाए और इसे आगामी बजट सत्र में शामिल किया जाए .

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-